
जयपुर /अशोक सैनी। आरजीए नवगठित कार्यकरिणी के शपथग्रहण के साथ हुआ त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ भूगोल शास्त्र विभाग,राजस्थान विश्वविद्यालय में तीन दिन से चल रही राजस्थान भूगोल परिषद की ‘रिसेंट एडवान्स इन ज्योग्राफी’ विषयक 48वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन आज 12 नवंबर, 2022 को हुआ।
संगोष्ठी के अंतिम दिवस दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें 42 शोध पत्रों का वाचन किया गया।इस दौरान कार्यक्रम के समापन-सत्र के मुख्य अतिथि भूगोल शास्त्र विभाग के सबसे वरिष्ठऔर देश के ख्यातिनाम भूगोलवेत्ता प्रो आर बी सिंह थे।
उन्होंने कहा कि “आज देश में जिस प्रकार शिक्षकों की नियुक्ति एवं स्थायीकरण में शासकीय स्तर पर लापरवाही व अनदेखी की जा रही, उससे अन्य विषयों के साथ भूगोल के क्षेत्र में नवीन शोध एवं अनुसंधान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
वर्तमान में छात्रों एवं शोधार्थियों की तुलना में स्थायी शिक्षकों तथा शोध निर्देशकों का असंतुलत एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है।”विशिष्ट अतिथि प्रो बी सी वैद्य ने भूगोल के भविष्य की चर्चा करते हुए वर्तमान में हो रहे नवाचार से जुड़कर अध्ययन-अध्यापन एवं शोध कार्य की महत्ता पर प्रकाश डाला।
समापन सत्र के आरंभ में राजस्थान भूगोल परिषद् के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो आर एन शर्मा, संगोष्ठी संयोजक एवं विभागाध्यक्ष भूगोल शास्त्र; महासचिव डॉ एस एस भट्ट ने अन्य सदस्यों के साथ शपथ ग्रहण की। प्रो आर एन शर्मा ने नवीन उत्तरदायित्व के लिए सभी का आभार जताते एवं संगोष्ठी की उपलब्धि बताते हुए कहा कि संगोष्ठी में 232 शोध पत्र 14 तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किए गए एवं 600 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें सहभागिता की।
इस अवसर पर आरजीए के 49वें अधिवेशन का आयोजन राजकीय महाविद्यालय, मांडलगढ़, भीलवाड़ा में किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही यंग ज्योग्राफर अवार्ड, प्रथम- मालविका पूनियाँ दिया गया।जब कार्यक्रम के अन्त में संगोष्ठी सचिव प्रो सी वी ढाबरिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
संगोष्ठी की साथ ही इस मौके पर डॉ अतर सिंह एवं कार्यक्रम में सहयोग करने वाले शिक्षकों, शोधार्थियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।