सात साल बाद साफ हुआ एससी-एसटी सेल के गठन का रास्ता

liyaquat Ali
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जयपुर। दलित उत्पीडऩ के मामलों की सुनवाई व रोकथाम के लिए प्रदेश के सात जिलों में एससी-एसटी सेल के गठन का रास्ता सात साल बाद अब जाकर साफ हुआ है। बुधवार को गृह विभाग ने राजस्थान के पन्द्रह जिलों में एससी-एसटी सेल खोलने की अनुमति के आदेश जारी कर दिए। इन सेल के लिए 96 पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के निर्देश भी दिए हैं।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार प्रदेश के 15 जिलों में एससी-एसटी सेल खोलने के लिए 2011 से गृह विभाग में पुलिस का प्रस्ताव लंबित था। इस पर बुधवार को गृह विभाग की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। बताया गया है कि जल्द ही 15 जिलों में एससी-एसटी सेल खोली जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने 96 पुलिसकर्मियो की नफरी का मसौदा तैयार कर लिया है।
जिन जिलों में यह सेल खुलनी है उनके लिए 15 डीएसपी, 3 सीआई, 15 हैडकांस्टेबल व 45 कांस्टेबल की नफरी दी जाएगी। ज्ञात रहे कि दलित उत्पीडऩ से संबंध में राजस्थान के प्रत्येक जिले में पुलिस की तरफ से एससी-एसटी सेल खोलने की घोषणा हुई थी। इस पर घोषणा के वक्त कुछ जिलों में सेल खोल दी गई थी मगर आधे से अधिक जिले इस व्यवस्था से वंचित थे।
गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द ही प्रत्येक जिले में दलित उत्पीडऩ व ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए एससी-एसटी सेल खोली जाएगी। पदोन्नत हैडकांस्टेबल में विवाद: इस बीच हाल ही में सरकार द्वारा कांस्टेबल से हैडकांस्टेबल के पद पर प्रमोट किए छह हजार हैड कांस्टेबलों की नियुक्ति को लेकर पुलिस मुख्यालय में नया विवाद शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि पदोन्नति प्रक्रिया के बाद नफरी की कमी का हवाला  देकर एसीबी ने पुलिस मुख्यालय से हैड कांस्टेबल की मांग की थी।
मुख्यालय ने एसीबी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए छह हजार हैड कांस्टेबल में से देने से इंकार कर दिया है। अब एसीबी ने इस संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा है।
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