जयपुर। राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी के पुत्र और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रोहित जोशी पर दिल्ली पुलिस की ओर से दुष्कर्म सहित कई विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद राजस्थान का सियासी पारा गरम है।
इस मामले में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बयान सामने आ चुका है तो वहीं अब सत्ता और संगठन पर भी नैतिकता के आधार पर महेश जोशी का इस्तीफा लेने का दबाव बढ़ गया है। विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस महेश जोशी विरोधियों ने सीएम गहलोत पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा दिया है और अंदर खाने इस्तीफे को लेकर मुहिम भी शुरू कर दी है। साथ ही विरोधी नेताओं के समर्थकों ने भी सोशल मीडिया के जरिए महेश जोशी का इस्तीफा लेने की मांग उठानी शुरू कर दी है।
ऐसे में अब सत्ता और संगठन इस मामले को लेकर असमंजस में है कि महेश जोशी का इस्तीफा लिया जाए या नहीं।मंत्री जोशी के बेटे रोहित जोशी प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंगलवार को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन सहित पार्टी के कई शीर्ष नेताओं से भी चर्चा हुई है, बताया जा रहा है कि मंत्री महेश जोशी के इस्तीफे को लेकर जल्द फैसला हो सकता है।
दबाव की एक वजह
दरअसल सत्ता और संगठन के सामने मंत्री महेश जोशी का इस्तीफा लिए जाने की एक वजह यह भी है कि 13 से 15 मई तक उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय चिंतन शिविर आयोजित होना है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पार्टी के सभी शीर्ष नेता उदयपुर में मौजूद रहेंगे। ऐसे में अगर रोहित जोशी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया तो चिंतन शिविर के दौरान यही मुद्दा सुर्खियों में रहेगा, जिससे शीर्ष नेताओं के सामने ही सरकार और संगठन की किरकिरी हो सकती है।
ऐसे में इस मामले को शांत करने के लिए सत्ता और संगठन कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी का प्रकरण इन पिछले 2 दिन से सियासी गलियारों के साथ-साथ प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। महेश जोशी को मुख्यमंत्री गहलोत का बेहद करीब होने और जयपुर का सबसे प्रभावशाली मंत्री होने के चलते नौकरशाह भी इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
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