जयपुर। जालोर में दलित बच्चे की मौत के मामले में मचे सियासी बवाल के बीच घटना से आहत होकर इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल का एक बार फिर बयान सामने आया है। पानाचंद मेघवाल ने कहा कि घटना का विरोध दर्ज कराने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दिया था, मेघवाल ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलितों पर अत्याचार की घटनाएं नहीं थम रही हैं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जो सपना देखा था वो आज भी पूरा नहीं हो पा रहा है। डॉक्टर अंबेडकर ने समानता, छुआछूत और भेदभाव रहित भारत का सपना देखा था।
विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि जालोर के दलित पीड़ित परिवार को 50 लाख और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की थी और अभी भी अपनी इस मांग पर कायम हूं और जब तक इस मांग पर फैसला नहीं हो जाता तब तक अपना इस्तीफा वापस नहीं लूंगा।
पानाचंद मेघवाल ने कहा कि अपनी नाराजगी से मैंने मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी अवगत करवा दिया है। मुख्यमंत्री ने पुराने मामलों का परीक्षण देखने के बाद नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
पानाचंद मेघवाल ने कहा कि आज देश में सभी धर्म और वर्गों के लोगों को यह सोचना चाहिए कि आजादी के 75 साल के बाद भी इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही है इन पर सभी को विचार करना चाहिए।
मेरे इस्तीफे पर स्पीकर लें फैसला
विधायक मेघवाल ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को भेज रखा है। मेरा इस्तीफा स्वीकार करना है या नहीं इसका फैसला विधानसभा स्पीकर को लेना चाहिए।
गौरतलब है कि जालोर में दलित बच्चे की मौत के मामले से आहत होकर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने स्वाधीनता दिवस के दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का भेजा था।