जयपुर
चिकित्सा पर भारी बजट खर्च होने के बावजूद लोगों को बीमारियों से राहत नहीं मिल पा रही है। बीते साल जीका वायरस के पॉजीटिव मामलों में देशभर में अव्वल रहा राजस्थान अब स्वाइन फ्लू के मामले में देश में नंबर दो पर आ गया है। इतना ही नहीं बीमारियों की संख्या और उनसे पीडि़त मरीजों का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ता ही चला जा रहा है।
स्वाइन फ्लू के लिहाज से प्रदेश में पिछले पांच साल में तीन साल सबसे भयावह साबित हुए। वर्ष,2014 से 2018 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष,2015, 2017 और 2018 में स्वाइन फ्लू के सर्वाधिक मामले सामने आए और प्रतिवर्ष 220 से अधिक मरीजों की मौत हुई। भयावहता तो तब हुई, जब राज्य का समूचा स्वास्थ्य महकमा या यूं कहें कि समूची सरकार इससे निपटने में जुटी रही। वहीं वर्ष,2014 और 2016 स्वाइन फ्लू की दृष्टिï से कम नुकसान दायक साबित हुए।
बीते साल,2018 में स्वाइन फ्लू के मामले में महाराष्टï्र पहले नंबर पर रहा। यहां बीते एक साल में कुल 2554 स्वाइन फ्लू पॉजीटिव केस पाए गए, जिनमें से 428 मरीजों की मौत हो गई। राजस्थान 2375 पॉजीटिव मरीजों और 221 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। वहीं तीसरे नंबर पर गुजरात रहा, जहां 2053 मरीज पॉजीटिव पाए गए, जिनमें से 88 की मौत हो गई।
स्वाइन फ्लू के आंकड़े
वर्ष पॉजीटिव मौतें
2014 65 34
2015 6859 472
2016 197 43
2017 3619 280
2018 2419 225
वर्ष,2018 में बीमारियों का आंकड़ा
बीमारी पॉजीटिव मौतें
स्वाइन फ्ल 2375 221
स्क्रब टॉयफस 1908 32
डेंगू 9254 10
जीका 159 0
मलेरिया 5380 0
चिकनगुनिया 235 0
नए साल में 88 पॉजीटिव 3 मौत
नए साल के शुरुआती तीन दिन में ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 88 नए पॉजीटिव मामले सामने आ चुके हैं, वहीं जोधपुर में तीन मरीजों की मौत भी हो चुकी है। लगातार सामने आ रहे मरीजों को देखते लग रहा है कि जनवरी भी स्वाइन फ्लू की दृष्टिï से भयावह साबित होगा। 88 में से 34 पॉजीटिव मामले जोधपुर के हैं और 18 मरीजों के साथ जयपुर नंबर दो पर है।