जयपुर । आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में सन 2017 में 2.30 लाख रुपए की नेहा त्यागी ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में दो एफ डी करवाई थी। जिसकी परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर सोसायटी की ओर उक्त राशि मय ब्याज, प्रार्थी को अदा करने का आश्वासन दिया था। परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर प्रार्थी ने सोसायटी के कार्यालय पर संपर्क किया तो मात्र उसे मौखिक आश्वासन सोसायटी की ओर से दिए गए। व्यथित होकर प्रार्थी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत की।
प्रार्थी की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने न्यायालय को बताया कि एफ डी की परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर प्रार्थी को उसकी मूल रकम मय ब्याज अदा करने का पूर्ण आश्वासन दिया था। एफ डी की परिपक्वता अवधि पूर्ण हो चुकी है। परंतु प्रार्थी की ओर कई मर्तबा निवेदन करने के पश्चात भी उसे उसकी राशि का भुगतान नहीं किया गया। और बिना किसी कारण के प्रार्थी की राशि को रोक लिया है। जो कि न्याय की दृष्टि में सवंहनीय नहीं है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने मामले का अंतिम निस्तारण करते हुए, रजिस्ट्रार सहकारी समिति को निर्देश दिए कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। तथा प्रार्थी की राशि का पूर्ण भुगतान मय ब्याज किया जावे।