Tonk News /पीपलू (ओपी शर्मा)। सोहेला वन नाका मे विभाग के ही कर्मचारियों से मिलीभगत कर वन भूमि पर कब्जें किऐ जा रहे है । मिलीं जानकारी अनुसार वनपाल नाका सोहेला में प्लांटेशन 5 के पास शनिवार को जेसीबी मशीन लगाकर विभागीय कर्मचारियों की मौजूदगी मे वन भूमि पर भूमाफियों द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर पेडो को उखाड़ कर करीब 30बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया गया ।
जिस भूमि की पैमाइश पूर्व फाँरेस्टर गुलाब खां ने सन् 1975 मे पैमाइश करवाकर अपने कब्जें मे लेकर वन विभाग की खाई पेशिग एंव लाल पत्थर की मुडिया लगवाई गई थी एंव उक्त भूमि को वन भूमि मे मिलाया गया था।
उसके बाद दौबारा पैमाइश मे पूर्व फोरेस्टर कैलाश चौधरी व वन अमीन सत्यनारायण सैन द्वारा सन् 2006-7 मे 67 बीघा भूमि पर कब्जेदारों से जेसीबी जब्त कर अतिक्रमण मुक्त किया गया था व वन अमीन अनुसार वर्ष 2006-7 में भूमि पर वन विभाग द्वारा पैमाइश कर मौके पर सीमेंट की मुंडिया बनाई गई थी उक्त मुडियों का रेन्जर रामेश्वर चादोलिया द्वारा वन विभाग फोरेस्टर एंव बीट प्रभारी जयसिंह मीणा द्वारा जीपीएस भी लिया गया था तथा उक्त भूमि पर कास्तकारों को कास्त करने से मना किया गया था जो सन् 1975 से लेकर वर्ष 2020 तक कोई कास्त नहीं की गई तथा कास्त करने वाले कास्तकार को वन विभाग मना करता रहा लेकिन वन विभाग की मिलीभगत से 67बीघा भूमि पर अतिक्रमण करवा दिया गया।
मौके पर जेसीबी मशीन चला कर प्राकृतिक वृक्ष उखाड़ दिये गये सोहैला वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 2020 से लकड़ी कटान छगाई व वन्य भूमि पर अतिक्रमण लगातार बड़ रहे हैं।
इनका कहना है-
सोहेला नाका क्षेत्र की वन भूमि पर पूर्व मे पैमाइश कर के बनाई गई मुडिया गलत है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा लगवाई गई थी वन अमीन को भेजकर ही उक्त भूमि पर खुर्द खुर्द करने वाली मशीन को जप्त किया जायेगा मौके पर मौजूद मशीन की फोटो ले ली गई है सर्वेयर के आधार पर मशीन को जप्त किया जाएगा
(क्षेत्रीय वन अधिकारी संतोष कुमार, टोंक)
इनका कहना है –
राजस्व विभाग व वन विभाग द्वारा सामूहिक पैमाइश करवाई जाएगी यदि उक्त भूमि वन विभाग में है तो उखाड़े गए पेड़ पौधों का जुर्माना वसूल कर कार्यवाही की जाएगी
(फॉरेस्टर वन नाका सोहेला विजय सिंह)