गजेन्द्र सिंह ने दी वसुन्धरा को चुनौती , किया शक्ति प्रदर्शन

 सीएम के सामने लगे गजेन्द्र जिंदाबाद के नारे
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर लगी आग की आंच अब खुले मंच पर भी महसूस होने लगी है। हाल ही में मीसाबंदियों को लेकर जोधपुर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह आग खुलकर बाहर आ गई। हालांकि इस बारे में अब भाजपा के नेता कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं किन्तु जो कुछ भी वहां हुआ उससे भाजपा की गुटबाजी खुलकर बाहर आ गई। जोधपुर में कार्यक्रम के दौरान जिस तरह से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने केंद्रीय राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थकों ने नारे लगाए, उसे देखकर तो एक बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी हतप्रभ रह गई। माना जा रहा है कि यह नारेबाजी सीएम के सामने शेखावत का शक्ति प्रदर्शन था और इसके माध्यम से उन्होंने सीएम को चेतावनी भी दी है।

प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर शेखावत और वसुंधरा के बीच खींचतान पहली बार उस समय खुलकर आई जब शेखावत का नाम सामने आने के बाद सीएम ने चरणबद्ध रूप से उनका विरोध शुरू कर दिया। शुरूआती चरण में तो राजपूत नेताओं से शेखावत के खिलाफ बयान दिलवाए गए किन्तु जब बात नहीं बनी तो मंत्रियों को दिल्ली तक भेज दिया। इसके बाद सीएम स्वयं भी इस बारे में राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बात कर आई।

 

इस विरोध को देखते हुए एक बार तो शाह ने गजेन्द्र की नियुक्ति रोक दी किन्तु उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाने का अपना इरादा नहीं बदला। हाल ही में दिल्ली में हुई बैठकों के दौरान जो घटनाक्रम हुआ उसके बाद तो गजेन्द्र शेखावत भी खुलकर सीएम के सामने विरोध में आ गए हैं।

शेखावत के इस प्रकार के व्यवहार की मुख्यमंत्री को भी कतई उम्मीद नहीं थी।
जोधपुर में आपातकाल की बरसी पर मीसाबंदियों की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। एक दिन पूर्व हुए कार्यक्रम में उन्हें पीछे दूसरी कतार में बैठाया गया था वहीं इस कार्यक्रम में शेखावत को सीएम के बराबर ही कुर्सी पर बिठाया गया। जैसे ही शेखावत मंच पर आए वहां पूरा पांडाल नारों से गूंज उठा। इस दौरान शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के नारे भी लगाए गए जिन्हें सुनकर वसुंधरा समर्थक एक बार तो परेशानी में आ गए किन्तु भीड का मिजाज भांपकर चुप ही रहे।