jaipur News।राजस्थान लोक सेवा आयोग(आरपीएससी) द्वारा आरोजित एस आई(SI) भर्ती परीक्षा मे फर्जी( डमी अभ्यर्थी) बिठा नकल कराने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए सरकारी स्कूल के व्याख्याता तथा शिक्षक सहित 7 जनो को गिरफ्तार किया ।
डीपीसी नार्थ परिस देशमुख के अनुसार आयोग द्वारा आयोजित एस आई (SI) भर्ती परीक्षा के तहत भर्ती परीक्षा सेंटर ध्रुव बाल निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय जयपुर मे एक फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने आया था प्रारंभिक पूछताछ मे वह हडबडाने से शंका होने पर उसे पकड पूछताछ की गई तो उसने पूरा खुलासा किया । गिरोह के 3 फर्जी परीक्षार्थी, 4 दलाल व एक असली अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है।
कौन-कौन आए गिरफ्त मे
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि नेतराम मीणा (32) पुत्र लक्ष्मण मीणा निवासी भोजापुर सपोटरा करौली, केदार मीणा (40) पुत्र रंगलाल निवासी राजगढ़ अलवर, भभूता राम उर्फ रणजीत (28) पुत्र विरूधाराम निवासी सेड़वा बाड़मेर, भंवरलाल (38) पुत्र विजय सिंह निवासी धोरीमना बाड़मेर, महादेव (26) पुत्र मोहनलाल निवासी जम्बेश्वर कॉलोनी धोरीमना बाड़मेर, पुष्पेंद्र मीणा (26) पुत्र हुकमचंद निवासी नादौती करौली, हनुमानराम बिश्नोई पुत्र मूलाराम निवासी सेड़वा बाड़मेर, चनणाराम पुत्र खेताराम निवासी खरड़ धोरीमना बाड़मेर को गिरफ्तार किया है।
गिरोह का मास्टर माइंड है व्याख्याता
गिरोह मुख्य मास्टरमाइंड नेतराम मीणा है। वह सवाई माधोपुर में स्कूल लेक्चरर है और उसका सहयोगी भंवरलाल भी बाड़मेर में सरकारी टीचर है। दोनों ने परीक्षा में नकल कराने की योजना बनाई। तैयारी करने वाले स्टूडेंटस को शामिल किया। नेतराम ने दौसा, करौली, सवाई माधोपुर व धौलपुर के छात्रों से संपर्क किया ।
कितने मे होती डील,कैसे होता था खेल
परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों से आधार कार्ड और फोटो ले लिए। कांट-छांट कर डमी कैंडिडेट के फोटो लेकर फर्जी एडमिट कार्ड बना लिए। परीक्षा के लिए 18 से 20 लाख रुपए में डील की गई थी। 5 लाख रुपए डमी कैंडिडेट, 5 लाख रुपए दलाल व 10 लाख रुपए खुद रखते थे। पेपर होने के बाद डमी कैंडिडेट पेपर बुक व ओएमआर शीट दलाल के जरिए नेतराम को देता था। इसके बाद उन्हें नेतराम मूल परीक्षार्थी को दे देता था। आंसर की आने पर मूल परीक्षार्थी पेपर का मिलान कर पूरे रुपए देता था।