जयपुर।
बीकानेर के बहुचर्चित रामकिशन सियाग हत्याकांड में श्रीगंगानगर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा हथियार तस्कर मोहम्मद अमीन खां पैरोल पर छूटने के बाद फरार हो गया है।
हथियार तस्कर बीकानेर के कमला कॉलोनी निवासी अमीन ने 24 फरवरी 2011 को रामकिशन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बीकानेर के अपर जिला एवं सेशन जज संख्या 3 ने सुनवाई के बाद 28 जुलाई 2018 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाने पर उसे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल भेज दिया गया था। अजमेर जेल से उसे गत 8 अप्रैल को श्रीगंगानगर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। अमीन इससे पहले भी पैरोल पर रिहा किए जाने की अर्जी लगा चुका था ,लेकिन तब मंजूरी नहीं मिली। बाद में उसने अपने 12 वर्षीय बेटे की किडनी के इलाज करवाने के लिए आपात पैरोल की अर्जी लगाई। अर्जी पर एसपीए पीबीएम अस्पताल अधीक्षक की रिपोर्ट और श्रीगंगानगर जेल से अनापत्ति मिलने पर जिला मजिस्ट्रेट ने सात दिन का पैरोल मंजूर किया था। इस पर उसे 20 फरवरी को पैरोल पर भेजा गया था। उसे 26 फरवरी की शाम तक श्रीगंगानगर जेल में वापस हाजिरी देनी थी लेकिन नहीं आया।
अमीन के 26 फरवरी को श्रीगंगानगर जेल में नहीं पहुंचने पर वहां के प्रहरी विष्णु कुमार जांगिड़ ने उसकी जमानत देने वाली पत्नी मेहरूनिसा और बीकानेर के फड़ बाजार निवासी देवेंद्र भाटी के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद श्रीगंगानगर पुलिस उसकी तलाश में यहां भी पहुंची है।
इससे बीकानेर पुलिस और पीडि़त पक्ष के परिवारों में खलबली मच गई है। पीडि़त परिवार ने 27 जुलाई 2018 में ही संभागीय आयुक्त,जिला कलेक्टर,आईजी, एसपी को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी कि आपराधिक प्रवृत्ति के अमीन को पैरोल पर नहीं छोड़ा जाए। पत्र में यह आशंका जताई गई थी कि वह पैरोल पर छूटने के बाद अपने साथियों को छुड़ाने के लिए गवाहों को धमका सकता है लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उसके खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे हैं।
जिला पुलिस के अनुसार हथियार तस्कर अमीन के पैरोल पर फरार होने की सूचना मिलने पर उसके ठिकानों पर दबिश दी गई,लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर भी नजर रखे हुए हैं। मुखबिरों को भी सचेत कर दिया गया है। इधर रामकिशन सियाग के चचेरे भाई हनुमान राम सियाग ने बीकानेर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर सुरक्षा मांगी है।