जयपुर। काले जादू के लिए वन्यजीवों के अंग बेचते दुकानदार गिरफ्तारकिया. वन विभाग के उडऩदस्ते ने जौहरी बाजार में किराने की एक दुकान से वन्य जीवों के अंग बेचते एक दुकानदार को गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। उड़न दस्ते के रेंज आॅफीसर रामकिशोर बैरवा ने बताया कि जौहरी बाजार स्थित 340 नंबर की दुकान चक्रधारी के यहां वन्य जीवों के अंग बिकने की सूचना मिली। इस पर वन विभाग की टोली को वन्य जीवों के अंगों की एक सूची दुकानदार अशोक माहेश्वरी के पास भेज दी। अशोक ने इनमें से कुछ अंग एक घंटे के भीतर उपलब्ध करवाने की बात कहीं। दुकानदार अशोक ने 8 से10 हजार रुपए में इनका सौदा किया था। इसके बाद बुधवार रात अशोक ने इनमें से उल्लू के चार नाखून,पाटागोह मॉनीटर लिजार्ड के जैनेटल अंग (हाथा जोड़ी) और सीफेन के दो पंख (इन्द्रजाल) वन विभाग की टोली को उपलब्ध करवाए। इस पर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने यह वन्य जीव अंग चांदपोल की एक दुकान से लाना बताया है। फिलहाल मामले की तफ्तीश चल रही है।
तांत्रिक क्रियाओं के काम में लिए जाते उल्लू के नाखून
यह अंग तांत्रिक क्रियाओं के काम में लिए जाते हैं। इसके चलते ही इनकी तस्करी की जा रही है। ऐसा माना जाता है कि उल्लू के नाखूनों के उपयोग या क्रिया से किसी मनुष्य को अपने वश में किया जा सकता है या फिर इनसे सम्मोहन शक्ति बढ़ सकती है। यही वजह है कि कुछ लोग उल्लूओं का शिकार कर उनके नाखून समेत अन्य अंग बाजार में अवैध तरीके से बेच रहे हैं।
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