Jaipur News। राजस्थान में शिक्षा विभाग में राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 मैं विसंगतियों का समाधान करते हुए बहुत बड़ा बदलाव किया गया है और अब सेकेंडरी स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद समाप्त करते हुए सेकेंडरी स्कूलों की कमान प्रिंसिपल को सौंपी जाएगी और इसी के साथ ही
करीब 12 हजार फे अधिक हायर सेकेंडरी स्कूलों में उप प्रधानाचार्य अर्थात प्रिंसिपल का नया पदकर सृजित किया गया है और इसी के साथ ही डी ईओ के पदों में चल रही विसंगतियों को दूर करने के साथ ही बहुत बड़ा बदलाव नियमो मे किया गया है ।
इससे प्रदेश के करीब 4 लाख से अधिक शिक्षा विभाग कार्मिकों को लाभ मिलेगा सेवा नियमों में यह बदलाव करीब पांच दशक बाद किया गया है।
प्रदेश की लगभग 3600 माध्यमिक स्कूलों की कमान भी अब प्रधानाध्यापक की जगह प्रधानाचार्य काे देने का निर्णय हाे चुका है। इतना हीं नहीं, शिक्षा नियमों में फेरबदल करते हुए प्रदेश के 3600 प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त भी कर दिए हैं।
इस निर्णय से प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्य के बीच चले आ रहे विवाद पर भी विराम लग सकेगा।
तथा प्रदेश की 12,400 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य का नया पद सृजित कर दिया ।
इसके अलावा 6डी से तृतीय श्रेणी अध्यापकों काे सेटअप परिवर्तन के लिए 3 वर्ष की सेवा की शर्तों का विलाेपन भी कर दिया है। इससे अब सेकंडरी सेटअप में तृतीय श्रेणी अध्यापक भी मिल सकेंगे। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सभी का अनुमोदन कर दिया है।
सेवा नियमो मे यह किए फडे महत्वपूर्ण बदलाव, क्या मिलेगा फायदा और क्या होगा सुधार
1- वर्तमान में सिर्फ एक बार ही प्रधानाचार्य पद के लिए 80:20 में डीपीसी हाेगी। इसमें 3600 नए पदाें काे शामिल किया जाएगा। व्याख्याता संवर्ग से 5280 व्याख्याताओं की पदोन्नति करके प्रधानाचार्य बनाया जाएगा। वहीं, उप प्रधानाचार्य के 10 हजार से अधिक पदाें पर व्याख्याता संवर्ग काे पदोन्नति का लाभ मिलेगा।
2– 80:20 में प्रधानाचार्य पद पर डीपीसी
वर्तमान में प्रदेश में 54 हजार से अधिक व्याख्याता व करीब 3600 पद प्रधानाध्यापकों के हैं। पहले 67: 33 के अनुपात में प्रधानाचार्य पद पर डीपीसी हाेती थी। इसका लंबे समय से विराेध चल रहा था। इस अनुपात काे 80:20 कर दिया है। ऐसे में 1500 से अधिक व्याख्याताओं काे पदोन्नति का अवसर मिलेगा।
3– स्कूलों में उप प्रधानाचार्य के नए पद
प्रदेश में अब सीनियर स्कूलों में प्रधानाचार्य के साथ उप प्रधानाचार्य के पद भी हाेंगेे। यानी 12 हजार 400 नए पद सृजित किए गए हैं।
4– माध्यमिक स्कूलों में भी प्रधानाध्यापक पद समाप्त, अब
अभी सेकंडरी स्कूलों प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति हाेती थी। लेकिन सेवा नियमों में सुधार हाेने से अब माध्यमिक स्कूलों की कमान भी प्रधानाचार्य के हाथाें में दी जाएगी। इससे प्रदेश की 3600 सरकारी सैकेंडरी स्कूलो मे प्रधानाध्यापक के पद समाप्त होंगे।
5– पदोन्नति का एक और अवसर
व्याख्याता संवर्ग के 100 फीसदी पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। वहीं, उप प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति हाेने से एक और अतिरिक्त अवसर मिल सकेगा।
6– जिला शिक्षा अधिकारी पद अब पदोन्नति से ही भरेंगे
डीईओ के पहले 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान था, लेकिन अब इसे समाप्त कर पूर्णतया डीपीसी से ही डीईओं के पदाें काे भरने का निर्णय लिया गया है।
7– संयुक्त निदेशक व अतिरिक्त निदेशक
अतिरिक्त निदेशक व संयुक्त निदेशक पदाें पर पदोन्नति के लिए अब निचले पद पर एक साल के अनुभव के साथ कुल 4 साल के अनुभव का प्रावधान किया गया। इससे अब 19 संयुक्त निदेशक, 53 उपनिदेशक व 461 डीईओ सहित कुल 533 पदाें काे फायदा मिलेगा।
8– प्रधानाध्यापक — प्रधानाध्यापक पद की याेग्यता काे भी स्नातक से बढ़ाकर अब पीजी कर दिया गया है।
9– व्याख्याता –
व्याख्याता की सीधी भर्ती व पदोन्नति के लिए अब स्नातक के साथ-साथ अधिस्नातक भी उसी विषय में जरूरी।
10 — पुस्तकालय अध्यक्ष व्याख्याता शारीरिक शिक्षा के पद व पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड प्रथम के पद एनकैडर(बराबर) किया गया है। इससे 41-41 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड सैकंड व तृतीय काे पदोन्नति का अवसर मिलेगा।
11 — सीधी भर्ती व पदोन्नति से राेक हटाई
पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड द्वितीय के पदाें पर सीधी भर्ती व पदोन्नति पर लगी राेक काे भी हटाया। शारीरिक शिक्षक ग्रेड तृतीय, पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड द्वितीय व तृतीय की याेग्यता एनसीटीई के अनुसार संशाेधित की गई।
इनकी जुबानी
राज्य सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया जाएगा । राजस्थान शैक्षिक सेवा नियमों में सुधार हाेने से शिक्षा विभाग के कार्मिकों काे फायदा मिलेगा। पदोन्नति के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही प्रदेश के शैक्षिक वातावरण में भी सुधार आएगा।
– साैरभ स्वामी(आईएएस)
निदेशक
निदेशालय शिक्षा विभाग बीकानेर
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