जयपुर । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर मची घमासान के बाद अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पार्टी आलाकमान अमित शाह के बीच सुलह की कोशिशें तेज हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री और शाह के बीच हुई वार्ता के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आजकल में ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी। इधर भाजपा नेताओं का मानना है कि अब प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद ही होगी कर्नाटक में नतीजे भाजपा के पक्ष में आए तो यहां से मुख्यमंत्री की रवानगी भी तय मानी जा रही है यदि वहां भाजपा को शिकस्त मिली तो राजस्थान में वसुंधरा राजे मजबूत होगी प्रदेश अध्यक्ष उन्हीं की मर्जी से बनेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गुरुवार को वसुंधरा राजे ने पार्टी के करीब आधा दर्जन आला नेताओं से बात की है इस मुलाकात के दौरान वह अधिकांश को अपने पक्ष में करने में सफल भी हो गई है। हालांकि भाजपा आलाकमान अभी भी दिल्ली के मुताबिक ही प्रदेश अध्यक्ष से करने की जिद पर अड़ा है। ऐसे में अब जोधपुर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर चर्चा समाप्त मानी जा रही है परंतु उन्हें चुनाव अभियान समिति में शामिल करने की तैयारी है।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिस प्रकार शेखावत का नाम आगे किया गया और उसके बाद मुख्यमंत्री के मैंने जिस प्रकार उनका विरोध किया उसके बाद सोशल मीडिया पर शेखावत के प्रति सहानुभूति की लहर पैदा हो गई है। इसको देखते हुए शेखावत की लोकप्रियता में अचानक ही भारी बढ़ोतरी हुई है ऐसे में पार्टी आलाकमान उनके नाम को बुलाना चाहता है संभव है उन्हें जल्द ही अहम पद पर बिठाया जा सकता है। इधर दिल्ली को चुनौती देने के बाद भदोही वसुंधरा राजे खेमा खुश हो किंतु अब पार्टी नेताओं को राजे की यह राजनीति खटकने लगी है। ऐसे में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही शाह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भी कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं हालांकि संगठन नेताओं का मानना है की वसुंधरा राजे को उनके पद से हटाया भी जाए तो उनके पक्ष में 1 दर्जन से अधिक विधायक मंत्री नहीं जाएंगे ऐसे में पार्टी को भारी नुकसान नहीं होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की वसुंधरा राजे की नकारात्मकता का असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।