हजारो की संख्या मे भीड़ को देखकर प्रशासन ने मंगवाया अतिरिक्त पुलिस फोर्स जाप्ता

liyaquat Ali
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एससी-एसटी समुदाय के लोगो ने SDM कार्यालय बस्सी पर किया विशाल धरना प्रदर्शन
बस्सी तहसील के राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय केशुपुरा का मामला *समस्त भीम संगठनों व सामाजिक संगठनों ने
प्रशासन को दिया 10 दिन का अल्टीमेट, अगर कार्यवाही नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन
बस्सी । राजधानी जयपुर में जहाँ भेदभाव व छुआछूत से परे रहकर शिक्षा के मंदिर में बच्चों को शिक्षा दी जानी चाहिए। वहाँ बच्चों को आजादी के 72 साल बाद भी झेलना पड़ रहा है छुआछूत का दंश। मामला बस्सी तहसील के राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय केशुपुरा का है। जहां जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में शाम को खाना खिलाते समय बच्चों को जाति पूछकर ग्रामीण-जगदीश शर्मा व रूपनारायण जाट ने बच्चों को दलित समाज के होने के कारण खाना परोसने व भोजन खाने से इंकार कर पिटाई करके जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और कहा कि तुम्हारा काम खाना परोसने का नहीं बल्कि पत्तल उठाने का है।
इस मामले को बच्चों ने सारा घटनाक्रम घर जाकर बताया तो आस-पास के ग्रामीण लोग बैरवा समाज के अध्यक्ष महादेव बैरवा को साथ लेकर पुलिस थाना कानोता (जयपुर-पूर्व) पहुंचकर जांच अधिकारी बस्सी एसीपी मनस्वी चौधरी को मामले से अवगत करवाकर पुलिस थाना कानोता में एससी-एसटी एक्ट मे 24 अगस्त 2018 को एफआईआर नम्बर 0575 में मामला दर्ज करवाने के बाद भी जांच अधिकारी बस्सी एसीपी मनस्वी चौधरी ने 1 महीने से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। एसीपी चौधरी ने बच्चों के बयान लेकर मामले को ठंडा पटक कर परिवाद मे डाल दिया था। जब कोई व्यक्ति या संगठन मामले को लेकर पुलिस थाना कानोता पहुंचता है। तो उन्हे सिर्फ सांत्वना देकर वापस भेज दिया जाता था। इधर अनुसूचित जाति छात्र के पिता पीड़ित रामोतार बैरवा को दबंगों द्वारा जान से मारने की धमकियां देकर एफआईआर को वापस लेने की धमकियां दी जा रही थी। पीड़ित कॉल रिकॉर्डिंग लेकर कानोता थाने में मामला दर्ज करवाने पहुँचा तो पुलिस SHO ने प्राथमिकी दर्ज न करके मामले को परिवाद में डाल दिया।
जिसे लेकर एससी- एसटी के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में कानोता थाना पुलिस महानिदेशक राजस्थान व गृहमंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं। लेकिन एक महीने से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। जिससे एससी- एसटी समुदाय समैत *डॉक्टर  अंबेडकर स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया राजस्थान जयपुर , भीम आर्मी भारत एकता मिशन, डॉ  भीमराव अंबेडकर सामाजिक विकास संस्था राजस्थान  ,जय भीम फाउंडेशन ,डॉ भीमराव अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी शाखा बस्सी* व अनैको भीम संगठनो, सामाजिक संगठनो, बैरवा समाज के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों मे भारी रोष के साथ प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त था।
आक्रोश को लेकर हजारों की संख्या में लोगों ने सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बस्सी उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने आक्रोश जाहिर कर विरोध करके विशाल धरना प्रदर्शन किया। उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारी की नही होने एससी-एसटी समुदाय के लोग उग्र हो गए। हजारो की संख्या मे भीड़ को देखकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। और प्रशासन ने तुरंत अतिरिक्त पुलिस फोर्स जाप्ता मंगवाया।
बाद मे उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारी की गैर मौजूदगी में बस्सी एसडीएम रामकुमार वर्मा के सहायक पीए राधेश्याम प्रजापति को ज्ञापन दिया। इधर बस्सी एसडीएम के सहायक पीए राधेश्याम प्रजापति का कहना है कि मामले को आगे उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। इधर एससी-एसटी समुदाय के लोगो ने सर्वसहमति से प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेट दिया है। कि अगर 10 दिन के अंदर कार्यवाही नहीं हुई, तो विरोध प्रदर्शन करके बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसमें किसी भी प्रकार की है अप्रिय घटना घटित होती है तो वह जिम्मेदारी स्वयं प्रशासन की होगी। तब जाकर मामला शांत हुआ।
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