Jaipur News । राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की वकालत की है।
पायलट ने पत्र में लिखा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना एक तरह से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवन रेखा है। इन 13 जिलों में कृषि और पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है, जबकि भू-जल की उपलब्धता में लगातार कमी होने के कारण कृषि क्षेत्र पर विपरीत असर पडऩे लगा है। इसके अलावा डांग क्षेत्र होने के कारण अनेक ब्लॉक विकसित नहीं है। नीति आयोग ने भी करौली और धौलपुर जैसे जिलों को वरीयता प्राप्त जिलों की सूची में शामिल किया है, क्योंकि ये अद्र्ध विकसित है।
उन्होंने लिखा कि किसी भी क्षेत्र के विकास में जल की उपलब्धता महत्वपूर्ण होती है और इसलिए पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना की अवधारणा तैयार कर केंद्र सरकार के समक्ष रखी है और आपकी ओर से इस पर विचार करने का आश्वासन भी साल 2018 में जयपुर में आयोजित सभा में दिया गया था।
पायलट ने लिखा कि राजस्थान का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत है और यहां की आबादी देश की आबादी की 5.5 प्रतिशत है। इसके बावजूद यहां सतही जल पूरे देश का मात्र 1.16 प्रतिशत और भूजल 1.72 प्रतिशत है, क्योंकि राजस्थान के 295 ब्लॉक में से 245 ब्लॉक डार्क अथवा क्रिटिकल घोषित हो चुके हैं। इसलिए राजस्थान सरकार ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर की पेयजल समस्या के स्थाई समाधान और लगभग तीन लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र विकसित करने के उद्देश्य से पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना केंद्र सरकार को तकनीकी स्वीकृति और वित्तीय पोषण के लिए प्रस्तुत की है।
उन्होंने लिखा कि 37 हजार 247 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के क्रियान्वयन से ना केवल पूर्वी राजस्थान, बल्कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी और कृषि, उद्योग तथा पशुपालन सेक्टर में प्रगति से करोड़ों लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा। पायलट ने इस पत्र के माध्यम से इस परियोजना को तकनीकी स्वीकृति देने और इसके वित्तीय पोषण के लिए केंद्र सरकार को सहायता देने के लिए शीघ्र कार्रवाई करने को लिखा है।