Jaipur news । राजस्थान की राजनीति और अशोक गहलोत वह सचिन पायलट के बीच चल रहे हैं वहां संग्राम को भले ही सोनिया गांधी की दखल और राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा की मध्यस्थता से संग्राम टल गया हो लेकिन आंतरिक रूप से बीवी खींचातानी दोनों के बीच चल रही है ऐसा आभास आज विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मंत्रियों और विधायकों के लिए बैठने की की गई व्यवस्था से नजर आया राजस्थान की राजनीति में अपना एक वर्चस्व रखने वाले सचिन पायलट को देखने के लिए अब पीछे की सीट अलॉट की गई है और वह निर्दलीय विधायकों के साथ बैठेंगे।
पहले विधानसभा सत्र के दौरान सचिन पायलट मुख्यमंत्री की हैसियत से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास वाली सीट पर बैठते थे लेकिन अब मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट की जगह या कहीं उनकी सीट पर अब संसदीय कार्य मंत्री शांतिलाल धारीवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास बैठेंगे विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी द्वारा मंत्रियों और विधायकों के लिए बैठने की जो व्यवस्था की गई है।
उसके तहत सचिन पायलट को पीछे से पीछे वाली पंक्ति में 127 नंबर की सीट आलोट की गई है जो निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के समीप है । और सचिन पायलट के समर्थक रहे मंत्री विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को भी सबसे आखिरी पंक्ति में सीट नंबर 14 और सीट नंबर चोपन अलॉट की गई है ।
सूत्रों के अनुसार आज के विधानसभा एजेंडे में एहसास प्रस्ताव का बिंदु शामिल नहीं किया गया है विधानसभा में बैठने की व्यवस्था से लगता है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक बड़े ही कांग्रेसमें वापसी पर हो गई हो लेकिन कांग्रेसमें उनका पद घट गया है