सचिन पायलट और सिंधिया की मुलाकात कमलनाथ की और बढ़ा गई परेशानी

liyaquat Ali
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File Photo

Jaipur News / शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार शिवराज सिंह। सरकार में मंत्री और भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी पर दिए गए बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एमपी उपचुनाव में अलग-थलग पड़ चुके हैं । ऐसे में मंगलवार को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने मित्र और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर कमलनाथ की परेशानी और बढ़ा दी । सचिन पायलट और सिंधिया की मुलाकात राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है । जहां एक ओर कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार हिलाने के लिए एमपी उप चुनाव को अहम मान रहे थे, वहीं सचिन पायलट ने उनकी उम्मीदों पर और पानी फेर दिया है । भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी पर ‘आइटम’ वाले बयान पर कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को प्रचार से किनारे करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा है । बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बीजेपी ने तगड़ा झटका दिया है।

सोमवार को दामोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। लोधी के इस्तीफे से एमपी विधानसभा का गणित एक बार फिर बदल गया है। बीजेपी को बहुमत के लिए उपचुनाव में महज 8 सीटों पर जीतने की जरूरत होगी तो कांग्रेस के लिए सभी 28 सीट जीतने की चुनौती खड़ी हो गई है। बता दें कि इसी साल मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच मनमुटाव इतने बढ़ गए कि सिंधिया को कांग्रेस से बगावत भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था । इसके बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था ।‌ तभी से ज्योतिराज सिंधिया और कमलनाथ के बीच जुबानी जंग चली आ रही है ।

पायलट के एमपी में दौरे को लेकर कांग्रेस के साथ भाजपा को भी इंतजार था—

मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव की कई दिनों से ग्वालियर क्षेत्र में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के चुनाव प्रचार को लेकर निगाहें लगी हुई थी । पायलट के एमपी चुनाव प्रचार के दौरे को लेकर कांग्रेस के साथ भाजपा को भी इंतजार था । बता दें कि पायलट के बचपन के दोस्त और भाजपा के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर संभाग गढ़ माना जाता है । मंगलवार को जब सचिन पायलट जयपुर से ग्वालियर प्रचार करने पहुंचे तब उन्होंने ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की और कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए जनसभाएं भी की ।

इस दौरान सिंधिया ने भी पायलट की जनसभाओं को लेकर समर्थन किया । सिंधिया और पायलट की मुलाकात मध्य प्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेसी खेमे में अच्छा संदेश नहीं कहा जा सकता । बता दें कि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें ज्यादातर सीटें वो हैं जो कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई थीं जिसके चलते कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ये सभी विधायक सिंधिया समर्थक हैं और जिन इलाकों में फिलहाल उपचुनाव हो रहे हैं वो सिंधिया का इलाका माना जाता है।

पायलट ने केंद्र सरकार पर हमला बोला लेकिन सिंधिया को लेकर मौन रहे–

सचिन पायलट ने ग्वालियर संभाग में कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाओं के दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोला लेकिन अपने दोस्त ज्योतिराज सिंधिया को लेकर कुछ कहने से बचते रहे । पायलट ने कहा कि यह वही बीजेपी है जो कहती थी सत्ता में आने पर किसान की आय दोगुनी कर देंगे, हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे, लेकिन कुछ भी नहीं आए । चुनावी रैली के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के बाद अकाली दल ने भी छोड़ दिया है।

इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन पायलट से ग्वालियर में मुलाकात की और कहा कि उपचुनाव में प्रचार के लिए मध्य प्रदेश आने पर उनका स्वागत है। राजस्थान में राजनीतिक संकट से पहले पायलट से मुलाकात के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि वह कांग्रेस के आंतरिक मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। दूसरी ओर सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में सबका स्वागत करने की परंपरा है, इसलिए मैंने पायलट का स्वागत किया । अपने दोस्त सचिन पायलट के ग्वालियर के आसपास जिलों में चुनाव प्रचार करने पर सिंधिया ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को प्रचार करने का अधिकार है।

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