राजस्थान में शिक्षा विभाग की योजनाओं से हटेगा संघ के नेता का नाम

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जयपुर
राजस्थान में सरकारी योजनाओं से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े नेताओं के नाम हटाने के लिए कांग्रेस मन बना चुकी है. राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और डॉक्टर हेडगेवार का देश की आजादी में या फिर निर्माण में कोई योगदान नहीं है. लिहाजा इनको नहीं पढ़ाया जाएगा. साथ ही यह भी कह दिया कि सरकारी योजनाओं में इनके नाम रहने का कोई मतलब नहीं है.
कांग्रेस अपने योजनाओं में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम इसलिए लगाती है क्योंकि देश के निर्माण में और देश के विकास में इनका योगदान है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि संघ के नेताओं का देश के विकास में निर्माण में कोई योगदान नहीं है, यह केवल एक विचारधारा के मानने वाले लोग हैं और किसी एक विचारधारा के बारे में बच्चों को नहीं पढ़ाया जा सकता है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि पढ़ाने के पीछे मकसद होना चाहिए.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान के बीजेपी सरकार के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने संघ मुख्यालय के आदेश पर शिक्षा का भगवाकरण कर दिया. एक विचारधारा के सोच वाले लोगों के नाम पर योजनाओं के नाम रख दिए. उनको पाठ्यक्रम में भी शामिल कर लिया लेकिन हमारी सरकार आने के बाद हम समीक्षा कर रहे हैं.
बता दें इससे पहले सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने पाठ्यक्रम में तब्दीली करते हुए वीर सावरकर के पाठ्यक्रम में जोड़ दिया है कि अंग्रेजों की यातनाओं से तंग आकर सावरकर चार बार माफी मांग कर जेल से बाहर आए थे. राजस्थान की स्कूलों में दसवीं कक्षा के भाग-3 के पाठ्यक्रम में देश के महापुरुषों की जीवनी के बारे में पढ़ाया जाता है.
पिछली बीजेपी सरकार ने महापुरुषों के चैप्टर से प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को ही गायब कर दिया था. साथ ही वीर सावरकर पर एक चैप्टर लिखा था, जिसमें उन्हें महान स्वतंत्रता स्वतंत्रता सेनानी बताया गया था. वीर सावरकर के जीवनी को महान क्रांतिकारी के रूप में लिखा गया था.