संत का आत्मदाह मामला: वाजिब अली के बाद मंत्री खाचरियावास ने भी उठाए प्रशासन पर सवाल , विडियों देखें

Sameer Ur Rehman
4 Min Read

जयपुर। भरतपुर में अवैध खनन से नाराज होकर आत्मदाह करने वाले संत विजय दास के निधन पर अब सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक वाजिब अली ने जहां इस मामले में स्थानीय प्रशासन का फेलियर बताया है तो वहीं अब कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संत विजय दास के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है, उनका संघर्ष अमर हो गया। ब्रज चौरासी क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर वह करीब 20 साल से संघर्ष कर रहे थे, अवैध खनन से नाराज होकर उन्होंने आत्मदाह किया।

उन्हें इलाज के लिए कांग्रेस सरकार ने दिल्ली भेजा, लेकिन वो बच नहीं पाए। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि संतों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्र में तमाम खनन बंद कर दिए गए हैं।

अवैध खनन को बंद करना हर सरकार की जिम्मेदारी 

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अवैध खनन को बंद करना हर सरकार की जिम्मेदारी है। पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार में कभी भी अवैध खनन बंद नहीं हुए। हमारी सरकार ने रिकॉर्ड कार्यवाही अवैध खनन करने वालों के खिलाफ की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद ही संवेदनशील व्यक्ति हैं वो जरूर इसके लिए कठोर कदम उठाएंगे।

 

वाजिब अली के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए 

वहीं भरतपुर के नगर से कांग्रेस विधायक वाजिब अली की ओर से प्रशासन पर सवाल खड़े करने को लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि वाजिब अली कांग्रेस के विधायक हैं और उसी क्षेत्र से आते हैं। अगर उन्होंने प्रशासनिक फैलियर का कोई बयान दिया है तो उनके बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम इस मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

संत की मौत पर राजनीति कर रही है बीजेपी 

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी एक संत की मौत पर भी राजनीति कर रही है, जिस पार्टी ने आटा-चावल, दही और छाछ पर जीएसटी लगा दिया और लोगों के मुंह से निवाला छीनने का काम किया है, उन लोगों को इस मामले पर बोलने का कोई हक नहीं है, क्योंकि यह लोग न राम के सगे हैं और न ही कृष्ण के। यह लोग केवल देश में दंगे फसाद करा कर अपना वोट बैंक तैयार करते हैं।

इससे पहले नगर से कांग्रेस विधायक वाजिब अली ने भी संतों के आंदोलन को लेकर कहा कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन पूरी तरीके से फैल रहा है। जब संतो ने प्रशासन को अवैध खनन को लेकर जानकारी दी थी तो प्रशासन को कड़ा कदम उठाना चाहिए था, अगर समय रहते प्रशासन कड़ा कदम उठा लेता तो एक संत को आत्मदाह नहीं करना पड़ता।

Share This Article
Follow:
Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/