राजनीतिक हल्को में नए सवाल भी खड़े हो गए हैं
जयपुर। भाजपा के नए अध्यक्ष मदन लाल सैनी की नियुक्ति के साथ ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है । इसके साथ ही राजनीतिक हल्को में नए सवाल भी खड़े हो गए हैं। बड़ा सवाल उठने लगा है की क्या सैनी मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए लुभा पाएँगे।
सरकार के 4:30 साल के कार्यकाल के बाद लोग में बड़ा असंतोष और कार्यकर्ताओं ने नाराजगी के कारण भाजपा के वोट बैंक में बड़ी टूट हो रही है। सरकार से नाराजगी के पीछे बड़ा कारण मुख्यमंत्री की कार्यशैली को माना जा रहा है इधर प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक परनामी भी मुख्यमंत्री के समक्ष नतमस्तक रहे। इसके कारण संगठन भी कोई उपलब्धि हासिल नही कर पाया और कार्यकर्ताओं में नाराजगी हो गयी।
प्रदेश अध्यक्ष सैनी की संघ पृष्ठभूमि से होने के कारण भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश माथुर के भी नजदीकी माने जाते हैं। ऐसे में भले ही सीएम राजे ने शेखावत को अध्यक्ष नहीं बनने दिया हो, मगर इसके बावजूद अध्यक्ष पर केंद्र का ही असर अधिक होगा। सूत्रों की माने तो राजपूत वोट बीजेपी से दूर हो सकता है।