
जयपुर। लंबे समय से सत्ता और संगठन से दूर रहे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर बड़ी भूमिका में सामने आ सकते हैं। सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं की माने तो सचिन पायलट को इसी महीने में कांग्रेस आलाकमान कोई बड़ी भूमिका दे सकता है, पिछले कई दिनों से सचिन पायलट के समर्थक बी सोशल मीडिया के जरिए सचिन पायलट को बड़ी भूमिका देने की बात कर रहे हैं।
हालांकि सचिन पायलट के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं लेकिन पार्टी में अंदर खाने चल रही चर्चाओं की माने तो सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जुलाई के अंत तक सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं इसे लेकर दिल्ली में भी मंथन तेज हो रहा है।
सचिन पायलट ने भी दे रखा है अल्टीमेटम
सूत्रों की माने तो पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी अब ज्यादा इंतजार के मूड में नहीं है। ऐसे में सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान को अल्टीमेटम दे रख रखा है कि या तो उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें पेश किया जाए ।
लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर तो राजी नहीं है लेकिन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अध्यक्ष बनाने की तैयार है। ऐसे में माना जा रहा है कि सचिन पायलट को जल्द ही पीसीसी की कमान सौंपी जा सकती।
साल 2023 में होने हैं विधानसभा के चुनाव
सूत्रों की माने तो सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि प्रदेश में सवा साल के बाद दिसंबर 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सचिन पायलट को कमान सौंपकर पार्टी फिर से सत्ता की उम्मीद पाले हुए हैं, कहा जा रहा है कि अगर सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है तो उनके नेतृत्व में कांग्रेस प्रदेश में फिर से मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी और सत्ता मैं लौट सकती है।
मुख्यमंत्री खेमे का अंदर खाने विरोध
इधर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की दिल्ली में चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनने से रोकने में जुट गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दिल्ली के नेताओं के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संदेश भिजवाया है कि वर्तमान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश नेतृत्व के तौर पर शानदार काम कर रहे हैं उनके नेतृत्व में पार्टी ने 5 विधानसभा उपचुनाव नगर निकायों में जीत और पंचायतों में जीत दिलाई है ऐसे में उन्हें हटाना उचित नहीं होगा।
पार्टी एक धड़ा चाहता है राष्ट्रीय महामंत्री बनाना
वही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से जुड़ा धड़ा सचिन पायलट को राष्ट्रीय भूमिका में लाना चाहता है। इनका गांधी से जुड़े नेताओं की मंशा है कि सचिव सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर किसी चुनाव वाले राज्य का प्रभारी बनाया जाए।हालांकि राष्ट्रीय महासचिव बनने के लिए स्वयं सचिन पायलट भी तैयार नहीं है लेकिन प्रियंका गांधी से जुड़े नेता उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं।