कल शाम दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पायलट की हुई थी 45 मिनट तक मुलाकात, राजस्थान के साथ-साथ गुजरात में भी चुनावी प्रबंधन देखेंगे पायलट
समीर उर रहमान
जयपुर। प्रदेश के डिप्टी सीएम और जनाधार वाले नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है। कल दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पायलट की हुई तकरीबन 45 मिनट की मुलाकात के बाद कई तरह की चर्चाओं में जन्म ले लिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को एक बार फिर बड़ी भूमिका में लाने की तैयारी में है, जिसके बाद से ही पायलट समर्थकों में उत्साह का माहौल है।
बन सकते हैं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि प्रदेश में डेढ़ साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपने की तैयारी में है। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि सचिन पायलट को विधानसभा चुनाव से 1 साल पहले मुख्यमंत्री पद की कमान भी सौंपी जा सकती है और अशोक गहलोत को दिल्ली में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
आलाकमान को पायलट पर करिश्माई चेहरे पर भरोसा
दरअसल इसकी एक वजह यह भी है कि कांग्रेस आलाकमान को सचिन पायलट के करिश्माई चेहरे पर भरोसा इसलिए भी है क्योंकि विपक्ष में अध्यक्ष देते हुए सचिन पायलट में जमकर सड़कों पर संघर्ष किया था और उनकी मेहनत के दम पर ही प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी। ऐसे में एक बार फिर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपकर तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए जाएंगे।
गुजरात में भी संभालेंगे चुनावी प्रबंधन
चर्चा यह भी है कि कल राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने सचिन पायलट को गुजरात विधानसभा चुनाव में पूरी मुस्तैदी के साथ उतरने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि उन्हें बड़ी भूमिका देकर गुजरात भेजा जाएगा। वैसे भी गुजरात में इसी साल नवंबर माह में चुनाव होने हैं माना जा रहा है कि सचिन पायलट को गुजरात विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाकर भेजा जा सकता है।
गौरतलब है कि सियासी संकट के दौरान बगावत करने पर कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद और डिप्टी सीएम के पद से बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सुलह का रास्ता अपनाते हुए सचिन पायलट केंप की तमाम बातों को माना था और उनके लोगों को मंत्रिमंडल और बोर्ड निगमों में एडजस्ट कराया था। हालांकि सचिन पायलट बिना पद के ही पार्टी के लिए लगातार उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,पंजाब, गोवा और अन्य राज्यों में जमकर प्रचार कर चुके हैं।