सचिन पायलट ने इशारों में गहलोत सरकार पर हमला, कहा-सरकार तो बना लेते हैं, क्या वजह है  सस्टेन नहीं कर पाते

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur News। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बुधवार को अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम सरकार तो बना लेते हैं, लेकिन उसे रिपीट (repeat) नहीं कर पाते है।

कभी 20 पर रह जाते हैं तो कभी 50 पर। इस प्रवृति को बदलने के लिए हमने एआईसीसी (AICC) के समक्ष कुछ सुझाव रखे हैं। अब गंभीरता से उस पर चिंतन-मनन किया जा रहा है।

राजस्थान में जब सरकार बनी तो

सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि हम लोगों ने जो मुद्दे उठाए, वह सब जानते हैं। राजस्थान में जब सरकार बनी तो उसके बाद हम उसे सस्टेन नहीं कर पाए और सरकार दोबारा कभी नहीं बनी। सरकार दोबारा बने, यह सब की सामूहिक जिम्मेदारी होती है।

उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि पिछली बार सरकार आई और उसके बाद 20 विधायक रह गए, उससे पहले 50 विधायक रह गए।

हम चाहते हैं कि प्रदेश में हमें जनता का जो आशीर्वाद मिला है, आगे जो चुनाव हो उसमें हमें अपने कामों से, अपने कड़ी मेहनत से और अपनी एकजुटता से जनता का आशीर्वाद ज्यादा मिले।

बातें आलाकमान के सामने रखना हमारा अधिकार

सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि इन्हीं मुद्दों को लेकर हमने अपने सुझाव आलाकमान के सामने रखे थे। ये बातें आलाकमान के सामने
रखना हमारा अधिकार भी था। पायलट ने कहा कि जिस संदर्भ में हमें बात कहनी थी वह पार्टी को कह दिया है। उस पर एआईसीसी ने संज्ञान ले लिया।

कमेटी बनी, कमेटी ने मीटिंग की और अब समय रहते निर्णय ले लिया जाएगा, ताकि लोगों को जो उम्मीदें हैं वह पूरी हो सके।

पायलट ने कहा कि जब मैं साढ़े 6 साल अध्यक्ष रहा तो भी मैंने कहा कि जिन लोगों ने अपना सब कुछ पार्टी के लिए न्यौछावर किया है, दिन-रात नहीं देखा, लाठियां खाई, मुकदमे झेले, अपनी जेब से पैसा खर्च किया, उन लोगों को पद या पोस्ट नहीं मिले, लेकिन मान-सम्मान तो कम से कम मिलना चाहिए।

यही बात हमारे वर्तमान अध्यक्ष भी बोलते हैं और पार्टी के सब नेता बोलते हैं। हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी का परिवार व्यापक बनें और उसमें नए लोग जुड़े। साथ ही जो मेहनत करता है, उसके अनुपात में कांग्रेस कार्यकर्ता को पॉलिटिकल रिवॉर्ड भी मिले, यही बात हमने शुरू से रखी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब जब मुख्यमंत्री बने

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब 1998 में मुख्यमंत्री बने थे, उस समय कांग्रेस को 156 सीटें मिली थी, जो 2003 के विधानसभा चुनाव में 56 रह
गई थी। 2008 में भी जब गहलोत दोबारा मुख्यमंत्री बने, तब कांग्रेस को केवल 21 सीटें मिली थी। पायलट ने बुधवार को अपने बयान में इसी परिस्थिति को
इंगित किया है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम