जयपुर
राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही से बच्चे की मौत के मामले में संतोकबा दुर्लभजी मैमोरियल अस्पताल पर 45 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। आयोग ने यह राशि नौ फीसदी ब्याज सहित दो माह में परिवादी को अदा करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने यह आदेश भूदेव सिंह की ओर से दायर अपील पर दिए। अपील में कहा गया कि परिवादी ने अपने 15 वर्षीय बेटे आशीष को 6 सितंबर, 2015 को विपक्षी अस्पताल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने उसके शरीर में खून की कमी बताते हुए खून भी चढ़ाया। तबीयत खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे 9 सितंबर को वेंटिलेटर पर ले लिया। अपील में आरोप लगाया गया कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही बरती। परिवादी की ओर से बार-बार बेटे को छुट्टी देने की गुहार की, लेकिन चिकित्सकों ने इनकार कर दिया। परिवादी की ओर से 18 सितंबर को रुपए नहीं होने का हवाला दिया तो अस्पताल प्रशासन आशीष को छुट्टी देने के लिए राजी हुआ। अपील में आरोप लगाया गया कि उसके बेटे को मृत अवस्था में कमरे से बाहर लाया गया। अस्पताल प्रशासन ने रुपए वसूलने के लिए मौत के बाद भी उसे वेंटीलेटर पर रखा। इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल प्रशासन पर 45 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।