राजस्थान के नाबालिगों में बढ़ता कैंसर का खतरा

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जयपुर। राजस्थान(Rajasthan) में बदलती जीवनशैली और वातावरण के बदलते प्रभाव से कैंसर (cancer)के मामले तेज गति से बढ़ते जा रहें है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज हो सकता है। इस बीमारी से प्रदेश में 65 हजार लोग प्रतिवर्ष दम तोड़ रहे है।

वहीं देशभर में करीब 12 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरुकता के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत 1933 से हुई।

राजस्थान में बढ़ते कैंसर के कई कारण

सवाईमानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं नाक कान गला रोग के डा.पवन सिंघल ने बताया कि राजस्थान में बढ़ते कैंसर के कई कारण है। जिसमें मुख्य रुप से हमारी बदलती जीवनशेली, वातावरण का प्रभाव भी तंबाकू का बड़ा कारण है। 90 से 95 प्रतिशत कैंसर का कारण बदलती जीवनशेली और वातावरण का प्रभाव है। वहीं 5 से 10 प्रतिशत आनुवांशिक होता है।

डा.सिंघल ने बताया कि कैंसर की बीमार के कारण बड़ी संख्या में लोग अकारण ही मर रहे है। कैंसर की प्रारंभिक स्तर पर जांच होने पर इसका उपचार संभव है। लेकिन आमजन में इसकी जानकारी के अभाव के चलते इसका जल्दी उपचार नही हो पाता। इसलिए इसकी जागरुकता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।

युवाओं में बढ़ता कैंसर चिंताजनक डा.सिंघल ने बताया कि युवा वर्ग में बढ़ता कैंसर बेहद चिंताजनक है। हालंाकि राज्य सरकार इस पर रोक के लिए सकारात्मक कदम उठाए है।  इसका मुख्य कारण नाबालिगों (छात्र) में तंबाकू सेवन का प्रतिशत 16.3 प्रतिशत है। जो कि 13 से 15 वर्ष के मध्य है जोकि शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत है। उन्होंने कभी ना कभी तंबाकू का सेवन ध् उपभोग किसी न किसी रूप में किया है या इसको ले चुके है। यह जानकारी ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे 2021 में सामने आई है।

उन्होने बताया कि मुंह और फेफड़ों के कैंसर के कारण 25 प्रतिशत से अधिक पुरूषों की मृत्यु होती है जबकि मुंह और स्तन के कैंसर में 25 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की मृत्यु हेती है।

गले के दर्द, मुंह में लंबे समय तक अल्सर, आवाज में बदलाव और चबाने और निगलने में कठिनाई जैसे लक्षणों से ओरल कैंसर का निदान किया जा सकता है।

नाबालिग उड़ा रहें जहरीला धुंआ

राजस्थान में नाबालिग अपने स्कूली जीवन से ही जहरीला धुंआ उड़ा रहें है। जोकि बेहद चिंताजनक है। ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे 2021 के अनुसार 7 प्रतिशत लड़के जो शिक्षण संस्थानों में जाते है वे इसके आदि हो रहें है। वहीं चबाने वाले तंबाकू की औसत आयु 7.6 वर्ष है।
प्रदेश में 13.4 वर्ष (औसत आयु) के युवा सिगरेट का उपयोग शुरु करते है। 19.2 प्रतिशत युवा विद्यार्थी अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान का शिकार होते है। धूम्रपान करने वाले विद्यार्थियों में 93.8 प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल में ही धूम्रपान करते है।

राजस्थान में कैंसर की स्थिति

भारत में अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री 2021 कार्यक्रम के अनुसार देश के 96 अस्पतालों से मिले डाटा में सामने आया कि राजस्थान में जितने कैंसर के मामले आते है उनमें से 7.9 प्रतिशत बच्चों के है। प्रदेश में कुल 10216 पुरुष व 6853 महिलाओं में कैंसर पाया गया। इसमें राजस्थान के छह जिलों के अस्पतालों को शामिल किया गया था। जिसमें आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर ट्रीटमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर, भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर जयपुर, झालावाड़ मेडिकल कालेज, झालावाड़ शामिल है।

मुख्य कैंसर

  • ब्रेस्ट
  • मुंह
  • फैंफड़े
  • बच्चेदानी
  • जीभ
  • पुरुषों में ओरल केविटि,
  • गला
  • खाने की नली का कैंसर मुख्य है।.
  1. क्लोज द केयर गैप अभियान

  2. सुखम फाउंडेशन की ट्रस्टी डा.सुनीता ने बताया कि वर्ष 2022 की थीम क्लोज द केयर गैप अभियान है। इस बार विश्व कैंसर दिवस पर दुनियांभर में क्लोज द केयर गैप थीम अभियान के साथ मनाया जा रहा है। जिसमें दुनियांभर में कैंसर देखभाल में असमानताओं को समझने और पहचानने के बारें में इस अभियान से सकारात्मक पहल की जा रही है। जिसमें आमजन तक कैंसर से जुड़ी जानकारी पहुंचाकर उन्हे इस बीमारी से बचाया जा सके। कैंसर को लेकर समाज में फैली गलत धारणाओं को दूर करना भी इसका मकसद है .
  3. कैंसर जागरूकता पर होंगे कई कार्यक्रम
  4. इसमें प्रदेशभर में शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर युवाओं के लिए अभियान कैंसर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसमें उन्हे कैंसर रोग व उससे बचाव की जानकारी दी जाएगी।
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