मोदी मंत्रीमंडल में फेरबदल,राजस्थान के मेवाड़-बागंड़ को मिलेगा प्रतिनिधित्व संगठन में भी बदलाव

Modi government is also worried about the rising graph of Corona, meeting of Chief Ministers convened on April 27
File Photo - Prime Minister Narendra Modi

जयपुर/ राजस्थान सहित 9 राज्यों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा ने पूरी तरह से तैयारियां शुरू कर दी है और यह तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है यह तैयारियों के तहत सभाएं दौरे फीडबैक सहित कई बिंदुओं पर अमल शुरू हो गया है ।

और इसी कड़ी में मोदी मंत्रिमंडल में फरवरी माह में होने वाले बदलाव में इन चुनावों को मध्य नजर रखते हुए राजस्थान के मेवाड़ और बांगड़ क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है तो इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय संगठन और प्रदेश संगठन में भी बदलाव होगा।

जुलाई 2021 के बाद मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं हुआ और इसके बाद गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश के चुनाव हो चुके हैं तथा अब फरवरी माह में मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा रहा है इनमें 9 राज्यों में होने वाले चुनावों और लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बदलाव किया जाएगा।

मौजूदा मंत्रियों की कार्यकाल प्रणाली के आधार को भी ध्यान में रखा जाएगा और जिन मंत्रियों के मंत्रालयों की कार्यकुशलता और कार्यप्रणाली बहुत अच्छी रही है उन मंत्रियों को पदोन्नति मिल सकती है और जिनकी खराब रही है उनको मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है ?

सूत्रों के अनुसार होने वाले मंत्रिमंडल बदलाव में राजस्थान की भागीदारी को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है और राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए चुनाव में जातिगत समीकरणों को साधने के हिसाब से भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान से कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं ।

वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान की भागीदारी कम है और फेरबदल में दो से 3 सांसदों को मंत्री पद मिल सकता है इसके साथ ही संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम का विस्तार होगा उस टीम में भी राजस्थान से कुछ चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।

मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से वर्तमान में गैर आरक्षित और आदिवासी वर्ग की भागीदारी कम होने के कारण माना जा रहा है कि इन दोनों वर्गों में से एक एक सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है या फिर यह भी संभावना है कि मौजूदा एक या दो मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देकर उनकी जगह उन वर्गों को मौका दिया जाए ।

जिनके अभी मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं है पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्व राजस्थान और और उदयपुर संभाग में कांग्रेस से काफी पिछड़ गई थी इसलिए इस बार भाजपा का फोकस इन पर रहेगा और विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यही कारण है कि मोदी मंत्रिमंडल में इन क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

वर्तमान में राजस्थान से लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर भाजपा के कुल 28 सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल राजस्थान की भागीदारी की बात की जाए तो अभी केवल चार मंत्री हैं इनमें तीन लोक सभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी तथा एक राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्रिमंडल में है और एक कोटा से सांसद लोकसभा अध्यक्ष हैं ।

शेखावत गैर आरक्षित वर्ग से आते हैं जबकि बाकी तीनों मंत्री आरक्षित वर्ग से हैं इनमें एक एससी और दो ओबीसी वर्ग से हैं मंत्रिमंडल में वर्तमान में आदिवासी वर्ग से कोई सांसद शामिल नहीं है और गैर आरक्षित वर्ग से भी केवल एक मंत्री है।

इसलिए संभावना है कि कैबिनेट में एक चेहरा आदिवासियों दूसरा चेहरा गैर आरक्षित वर्ग शामिल हो सकता है। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में 25 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था और भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इसी रणनीति में जुटा है कि राजस्थान में हर जाति वर्ग को साधा जाए ताकि विधानसभा चुनाव और फिर होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा परचम फहराए।