RAS भर्ती मामला: हमलावर हुई भाजपा तो शिक्षा मंत्री डोटासरा ने पलटकर दी सफाई

liyaquat Ali
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Jaipur News। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा की पुत्रवधु के भाई और बहन के आरएएस परीक्षा इंटरव्यू (RAS exam interview) में 80 फीसदी अंक आने के मामले में अब सियासी विवाद छिड़ गया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां (BJP State President Dr. Satish Poonia ) और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria ) ने इस मामले को जांच का विषय बताया है। वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathod) भी उन पर हमलावर हुए हैं।

इस मामले में शिक्षामंत्री डोटासरा ने भी बुधवार को पत्रकारों से बातचीत की और अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने साफ किया कि जो बच्चा टैलेंटेड होता है वही आरएएस बनता है, न की किसी के रिश्तेदार होने से।

अगर किसी को मेरे नाम से फायदा मिलता तो वे अपने बड़े बेटे और पुत्रवधु को भी आरएएस नहीं बनवा देते?

भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनियां ने कहा कि जिस तरीके से सरकार निरपेक्षता की बात करती है तो मामले में उन्हें खुद आगे आकर मामले को संज्ञान में लेना चाहिए।

निश्चित तौर पर बच्चों में टैलेंट हो सकता है लेकिन जब एक राजनीतिक व्यक्ति जो कि ऊंचे पद पर हैं और उसके परिवार में से ही इस प्रकार सलेक्शन होते हैं तो सवाल उठने लाजिमी हैं।

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश सरकार पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष किया और कहा कि यह तो चमत्कार ही लगता है। कटारिया ने कहा कि आज तक तो मैंने ऐसा नहीं देखा कि एक ही परिवार के इतने लोगों को इतने अधिक नंबर आए हों। ऐसे में ये जांच का विषय है।

वह यह भी बोले कि इस चमत्कार की जांच हो तो कुछ जरूर निकलेगा। उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी डोटासरा पर तंज कसा है। उन्होंने बिना नाम लिए ही ट्वीट कर डोटासरा पर निशाना साधा। राठौड़ ने ट्वीट में लिखा कि स्वयं के साथ जब सत्ता आती है तो प्रतिभागी भी साथ लेकर आती है और परिणाम भी। ये संयोग है या प्रयोग, यह तो खुदा ही जाने. ना जाने कब क्या हो जाए…।

उधर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को पत्रकारों के समक्ष सफाई दी। उन्होंने कहा कि आरएएस की परीक्षा राजस्थान में प्रतिष्ठित परीक्षा है, जिसे आरपीएससी पारदर्शी तरीके से करवाता है।

चाहे शासन भाजपा का रहा हो या कांग्रेस का, जिस बच्चे का आरएएस में सलेक्शन होता है वह अपने टैलेंट के चलते पहले आरएएस प्री-एग्जाम पास करता है, उसमें सलेक्ट होने के बाद आरएएस मैन परीक्षा पास करता है और उसमें सलेक्ट होने के बाद वह इंटरव्यू में पहुंचता है।

सभी नंबर मिलाकर आरएएस में चयन होता है। ऐसे में अगर कोई बच्चा पूरी तैयारी कर आरएएस का मुकाम हासिल करता है तो इसमें किसी राजनेता का कोई लेना-देना नहीं होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में भी आरएएस के इंटरव्यू होते थे और कांग्रेस के राज में भी आरएएस के इंटरव्यू होते हैं।

लेकिन सिलेक्शन उन्हीं बच्चों का होता है जो टैलेंटेड होते हैं। यह केवल सोशल मीडिया का एक प्रोपेगेंडा है. जिस बच्चे की बात हो रही है वह दिल्ली यूनिवर्सिटी का टॉपर रहा और जो बच्ची है वह मेडिकल पास करके दो बच्चों को पालते हुए मेहनत करके आरएएस बनी है।

उन्होंने यहां तक कहा कि जो इंटरव्यू लेने वाले लोग होते हैं वह सोच समझकर नंबर देते हैं। किसी के रिश्तेदार होने या किसी के जानकार होने से नंबर नहीं देते। डोटासरा ने कहा कि मेरे बेटे अविनाश का भी 2016 में सिलेक्शन हुआ था। उस समय भाजपा का राज था तो वहीं मेरी बहू प्रतिभा जब पास हुई थी उस समय भी भाजपा का राज था। यहां तक कि उस समय तो प्रतिभा से रिश्ता भी तय नहीं किया गया था। ऐसे में उस सलेक्शन से मेरा क्या लेना देना? अब मेरी पुत्रवधु के रिश्तेदार आरएएस बनते हैं तो वे अपने टैलेंट से बने हैं, न की किसी की सिफारिश से। इस तरह की अफवाह सोशल मीडिया में वही लोग करते हैं, जिनका सलेक्शन नहीं होता है। आरएएस एग्जाम पारदर्शी तरीके से होता है. राजस्थान में ऐसी कोई परंपरा नहीं रही कि किसी के कहने पर नंबर दे दिया जाए। अगर मैं करवा सकता तो मेरी पूरी विधानसभा को आरएएस बनवा देता।

गौरतलब है कि डोटासरा की पुत्रवधु प्रतिभा के साल 2016 आरएएस एग्जाम इंटरव्यू में 80 फीसदी अंक दिखाए गए हैं, वहीं प्रतिभा के भाई गौरव पूनियां और बहन प्रभा की आरएएस एग्जाम 2018 की मार्कशीट में इंटरव्यू में 80 प्रतिशत अंक दिखाए गए हैं। इसको लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है।

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