एनएसयूआई की हार पर रारः अभिषेक चौधरी के बाद अब सीएम गहलोत भी विधायक दिव्या मदरेणा के निशाने पर मदेरणा ने कहा, मैं किसी खेमे में नहीं, मेरा खुद का खेमा

Rar over the defeat of NSUI After Abhishek Chaudhary, now CM Gehlot is also on target of MLA Divya Madrena Maderna said, I am not in any camp, my own camp

जयपुर। जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की हार पर प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी को निशाने पर लेने के बाद अब दिव्या मदेरणा के निशाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। सीएम गहलोत पर निशाना साधने के साथ ही दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करके यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी खेमे में नहीं हैं, उनका खुद का खेमा है। दिव्या मदेरणा के तीखे तेवरों को लेकर इन दिनों कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चाएं खूब हैं। दिव्या मदेरणा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी पर भी निशाना साध चुकी हैं।

दरअसल दिव्या मदेरणा ने जिस तरह से एनएसयूआई की हार पर अभिषेक चौधरी को निशाने पर लिया था उसके बाद से ही उनके सचिन पायलट खेमे में जाने की चर्चाएं चल पड़ी थीं, जिस पर दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करके साफ कर दिया है कि वो किसी खेमे में नहीं हैं।

दिव्या मदेरणा ने शनिवार शाम को ट्वीट करते हुए लिखा कि “मैं किसी भी खेमे/ गुट या पाले में नहीं हूं मेरा स्वयं का खेमा है जो मुझे विरासत में मिला है जिसका उद्देश्य किसान राजनीति के झंडे को बुलंद करना है”। गौरतलब है कि दिव्या मदेरणा के दादा परसराम मदेरणा कांग्रेस के दिग्गज जाट लीडर रहे हैं। मदेरणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं तो वहीं दिव्या के दिवंगत पिता महिपाल मदेरणा अभी गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे थे, और उनकी माता लीला मदरेणा अभी जोधपुर की जिला प्रमुख हैं।

इधर एनएसयूआई की हार पर अभिषेक चौधरी को निशाने पर लेने के साथ-साथ दिव्या मदेरणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया था कि “हम 1998 के बाद सरकार होने के बावजूद फिर कभी विधानसभा चुनाव में सौ का आंकड़ा पार नहीं कर पाए” दरअसल साल 2008 में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था और बसपा निर्दलीय विधायकों के जरिए सरकार चलाई थी तो वहीं 2018 में भी कांग्रेस पार्टी को 99 सीटें ही मिल पाई थीं इसके बाद बसपा के 6 और 13 निर्दलियों के भरोसे सरकार चल रही है”।