
जयपुर/ राजस्थान से राज्यसभा में 4 सीटों के लिए 10 जून को होने वाली चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा राजस्थान में अपनी पार्टी के विधायकों को निर्दलीय के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी करने के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ गई है तो दूसरी ओर निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में डटे सुभाष चंद्रा जीत के किनारे पहुंच रहे हैं उन्हें अपनी जीत हासिल करने के लिए अब मात्र 2 विधायकों का समर्थन चाहिए जो मुश्किल नहीं लगता है लेकिन परिणाम क्या होगा यह तो मतदान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन बरहाल चंद्रा धीरे धीरे जीत की किनारे बढ़ रहे हैं और कांग्रेस की मुश्किल है भी बढ़ रही है।
राजस्थान की चार्ट राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेश की ओर से तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं मुकुल वासनिक रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी हैं तथा भाजपा की ओर से घनश्याम तिवारी और निर्दलीय तथा भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा है । इस तरह 4 सीटों के लिए 5 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों और समर्थित निर्दलीय विधायकों के संख्या बल 125 के हिसाब से कांग्रेस की झोली में 3 सीटें जीतने की कांग्रेस को उम्मीद है जबकि भाजपा के विधानसभा में 71 विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा को 1 सीट जीतने की उम्मीद है ।
राज्यसभा के चुनाव में एक प्रत्याशी को अपनी जीत हासिल करने के लिए 41 विधायकों के मत होना जरूरी है इस नियम और चुनावी प्रक्रिया के तहत भाजपा के 30 विधायक फिर भी सर प्लस हैं और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुभाष चंद्रा मैदान में डटे हुए हैं उनको भाजपा का समर्थन मिला हुआ है भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवारी को 41 मतों के बाद भी 30 मत सर प्लस जो है वह सुभाष चंद्रा को मिलेंगे। इसके अलावा सांसद और आरएलपी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने भी सुभाष चंद्रा को समर्थन देने की घोषणा की है और बेनीवाल की पार्टी के तीन विधायक विधानसभा में हैं जिनका समर्थन भी चंद्रा को मिलेगा
मायावती ने जारी की व्हिप
इधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान में अपनी पार्टी के विधायकों को व्हिप जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि वह भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे वह अपना मतदान निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के पक्ष में कर सकते हैं। राजस्थान विधानसभा में बसपा के 6 विधायक हैं जिनमे राजेंद्र गुढा ,लखन सिंह, दीपचंद खेरिया, जोगिंदर सिंह अवाना ,संदीप कुमार यादव और वाजिब अली है ।
व्हिप का उल्लंघन किया तो 6 विधायको की विधायकी खतरे मे पड ..
बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा जारी की गई व्हिप बसपा के सभी 6 विधायकों पर लागू होती है और यदि किसी विधायक ने व्हिप का उल्लंघन किया तो उसकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है हालांकि इन सभी 6 विधायकों ने पूर्व में कांग्रेसमें शामिल होने की जो घोषणा की थी वह वैधानिक तथा कानूनी दृष्टि से कोई मायने नहीं रखती है । कांग्रेस में शामिल होने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक यह सभी छह विधायक बसपा के ही माने जाएंगे।
निर्दलीय चंद्रा की गणित
निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को जीत के लिए 41 वोट चाहिए चंद्रा के पास भाजपा के सर प्लस 30 विधायकों के मत तथा आरएलपी के 3 विधायकों के मत इनको मिलाकर 33 मत तो हो रहे हैं और बसपा सुप्रीमो मायावती की व्हिप के बाद अगर बसपा के सभी छह विधायक अपनी विधायकी नहीं खोने तथा व्हिप मानते हैं और सभी छह विधायक चंद्रा के पक्ष में मतदान करते हैं तो इस तरह चंद्रा के पास 39 मत हो गए अब चंद्रा को जीत के लिए मात्र 2 मतों की जरूरत है जो चंद्रा को जुटाने में शायद ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि जिस तरह कांग्रेस में भी बगावत के स्वर मुखर हो रहे हैं तो वही ट्राईबल पार्टी के भी दो विधायक हैं वह भी चंद्रा के संपर्क में हैं तो वहीं कुछ कांग्रेस के विधायक भी चंद्रा के संपर्क में हैं । हालांकि बसपा के चार विधायक अभी बाड़े बंदे में जरूर हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अभी कुछ विधायक बड़े बंदी से दूर हैं ।
बसपा की व्हिप के बाद सुभाष चंद्रा मे एक नई जान आ गई है और वह दुगनी तैयारी के साथ विधायकों को अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं । अब चंद्रा अपने पक्ष में कितने विधायकों को कर पाते हैं कितने कांग्रेस के विधायकों में क्रॉस वोटिंग होती है । यह तो 10 जून को मतदान के बाद मतगणना के परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन वर्तमान समीकरण के आधार पर राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि चंद्रा आखरी समय तक जीत के किनारे पहुंचकर जीत हासिल कर सकते हैं ?