Jaipur News । पंद्रहवी राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र की 31 अक्टूबर से होने वाली पुनः बैठक में राज्य सरकार पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक ला सकती है।
विधानसभा सत्र बुलाए जाने के राज्य सरकार के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष ने 31 अक्टूबर से सत्र फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश की अनुपालना में विधानसभा के सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने इस आशय की अधिसूचना शनिवार को जारी की। बताया जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष ने यह बैठक राज्य सरकार द्वारा अति आवश्यक शासकीय विधाई कार्य संपादित किए जाने हेतु की गई अनुशंसा पर बुलाई है। संभवत: 2 से 3 दिन तक चलने वाले इस सत्र में गहलोत सरकार पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक लेकर आ सकती है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार दो नवम्बर को कृषि संबंधी संबंधी संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। कृषि विभाग ने मुख्यमंत्री को संशोधन विधेयक का ड्राफ्ट भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह बीस अक्टूबर को मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में यह निर्णय किया था कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाकर पंजाब सरकार की तर्ज पर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं। मंत्री परिषद ने माना कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिन्सों के स्टॉक की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भण्डारण तथा कीमतें बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
जानकारी के अनुसार 15 वीं राजस्थान विधानसभा के पंचम सत्र के पहले चरण की बैठक 24 अगस्त को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी, लेकिन राज्यपाल ने 5वें सत्र का सत्रावसान नहीं किया था। ऐसे में सरकार को इस विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल से अनुमति की आवश्यकता नहीं थी और सरकार विधानसभा अध्यक्ष के स्तर पर सत्र बुलाने की अनुमति ले सकती थी।