Jaipur News राजस्थान विधानसभा(Rajasthan Vidhansabha) में बजट सत्र के पांचवें दिन सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान कई मंत्री विपक्ष के तीखे सवालों में घिरते नजर आए। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, गौपालन और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश विपक्ष की ओर से किए गए तीखे सवालों पर संतुष्ट करने वाले जवाब नहीं दे सके। किसानों के सहकार बीमा के मसले पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना सही जवाब नहीं दे सके। वहीं, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड और नंदीशाला योजना से जुड़े सवाल पर घिरे तो महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश 1000 करोड़ के इंदिरा प्रियदर्शनी फंड में बजट में किए गए प्रावधान का सही जवाब नहीं दे सकीं। जिला मिनरल फंड सहित कई सवालों पर स्पीकर सीपी जोशी को दखल देना पड़ा।
ग्रामीण इलाकों में लोक परिवहन सेवा की बसों के बंद होने से जुड़े सवाल पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के जवाब पर तल्ख टिप्पणी की। कटारिया ने कहा- सरकार बने सवा दो साल हो गए आपमें गंभीरता कब आएगी। खाचरियावास ने सवाल के जवाब में कहा था कि ग्रामीण लोक परिवहन सेवा शुरू करने पर सरकार गंभीर है, जल्द इसे शुरू किया जाएगा।
इस पर कटारिया ने तल्खी दिखाई। खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी राज से ग्रामीण लोक परिवहन सेवा बंद है। हम जिन रूट्स पर बसें नहीं हैं उनका सर्वे करवाकर सब पर बसें चलाने का प्रयास करेंगे। सभी विधायकों को चि_ी लिखकर प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिन रूट पर एक भी बस नहीं चलती उन्हें बस सेवा से जोड़ा जाएगा। एक माह के भीतर ग्रामीण लोक परिवहन सेवा की योजना मूर्त रूप ले लेगी।
भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने प्रदेश में नन्दीशालाओं की स्थापना के लिए आवंटित बजट के सिलसिले में एक सवाल पूछा था।
भाजपा विधायक ने जानना चाहा कि गत दो वर्ष के कार्यकाल में गहलोत सरकार ने प्रदेश में कितनी नंदीशालाएं खोली हैं, इसमें वत्र्तमान में कितने पशु हैं और इस मद में कितना बजट रखा गया है?
इसके जवाब में मंत्री भाया ने कहा कि नंदिशालाओं की घोषणा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने की थी, लेकिन इस योजना में कई तरह की कमियां और खामियां थीं, जिन्हें दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायत स्तर पर मॉडल तैयार किया है, जिसे आगामी एक माह में शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
इन्हीं वजहों से नंदीशालाएं स्थापित करने में समय लग रहा है। मंत्री के जवाब से विपक्ष सतुष्ट नजऱ नहीं आया। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी हस्तक्षेप करते हुए मंत्री को घेरा।
भाया की तरह मंत्री ममता भूपेश भी एक सवाल के जवाब में ‘बैकफुट’ पर दिखाई दीं। इंदिरा गांधी महिला शोध संस्थान की स्थापना को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष व विधायक राजेन्द्र राठौड़ के सवाल पर मंत्री उलझ गईं।
राठौड़ के इन संस्थानों पर बजट प्रावधान पर पूछे सवाल पर जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि अब तक 20 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। वहीं पिछले साल की 22 दिसंबर को हुए एक एमओयू के अनुसार एचसीएम रीपा संस्थान को भी बजटीय प्रावधान में शामिल करने का मंत्री ने जिक्र किया। लेकिन मंत्री ममता भूपेश के जवाब से प्रश्नकर्ता राठौड़ संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि मंत्री ने उनके मूल प्रश्न का सही से उत्तर नहीं दिया है।