Jaipur News। यात्रियों की सुरक्षा और बसों की देखभाल के लिए राजस्थान की रोडवेज बसों में अब जीपीएस लगाने की तैयारी की जा रही है। रोडवेज प्रशासन ने इसके लिए सरकार के जरिए सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को 16 करोड़ की डीपीआर बनाकर भेजी है। मंजूरी मिली तो संभवतया निर्भया फंड से रोडवेज बसों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। इसमें से 9 करोड़ रुपए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की ओर से दिए जाएंगे, वहीं शेष राशि रोडवेज प्रशासन द्वारा खर्च की जाएगी। इसके लिए रोडवेज मुख्यालय की आईटी सेल में कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, जहां से बसों की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
हाल ही में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रोडवेज के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को भेजा है। रोडवेज के बेड़े में हाल ही में शामिल की गई 875 बसों में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। इनकी मॉनिटरिंग रोडवेज की ओर से लगातार की जा रही है। आईटी सेल की ओर से इनके मार्ग और गति पर नजर रखी जाती है। खुद रोडवेज के सीएमडी बसों की रोजाना रिपोर्ट भी लेते हैं। इसके अलावा स्पीड की खामियां मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है।
बीते दिनों जयपुर की आगरा रूट पर चल रही बस स्पीड में पाई गई थी। इस पर बस चालक को रोडवेज की ओर से नोटिस भी जारी किया गया। राजस्थान रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह की का कहना है कि अभी कुछ बसों में ही जीपीएस और पैनिक बटन लगे हैं। अब रोडवेज बसों में ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट निर्भया फंड से सहायता भी मांगी गई है। जल्द ही इसकी स्वीकृति आ जाएगी। इसके बाद अन्य बसों में भी जीपीएस सिस्टम लागू किया जाएगा।
जीपीएस सिस्टम लगने के बाद बसों की 5 तरह से मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इसमें ओवर स्पीड, स्टॉपेज, सिटी या बाईपास की लोकेशन, कितने किलोमीटर का सफर और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाएगा। इनमें अगर चालक या परिचालक के द्वारा किसी भी तरह की कोताही बरती गई तो तुरंत चालक और परिचालक को सूचना भी दी जाएगी। यात्रियों की ओर से पैनिक बटन दबाया गया तो इसका मैसेज सीधे कंट्रोल मैनेजर ऑपरेशन और प्रबंधन के मोबाइल पर आएगा। वहीं से संबंधित थाना पुलिस को सूचना दी जाएगी। डिपो से बस के निकलते ही गाड़ी नंबर और मार्ग भी दर्ज किया जाएगा और बस की संपूर्ण जानकारी दर्ज की जाएगी।