Jaipur News । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन मंगलवार रात जयपुर पहुंचे। एयरपोर्ट पर पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश प्रभारी माकन की अगवानी की। प्रदेश प्रभारी माकन खुद की बताई डेडलाइन निकलने के बाद अब नए सिरे से राजनीतिक नियुक्तियों पर चर्चा करने के लिए राजस्थान दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान माकन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंत्रणा कर सियासी नियुक्तियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री के साथ बड़ी राजनीतिक नियुक्तियों वाले नेताओं की सूची पर चर्चा कर सकते हैं।
प्रदेश प्रभारी माकन बुधवार (3 फरवरी) को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में दोपहर 2 बजे प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों, अग्रिम संगठनों के प्रदेशाध्यक्षों तथा वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद रहेंगे। बैठक में नगर निकाय एवं पंचायत राज चुनाव तथा संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। राजस्थान कांग्रेस में नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दी गई डेडलाइन पार हो गई है। माकन ने 31 जनवरी तक राजनीतिक नियुक्तियां करने की घोषणा की थी, माकन की डेडलाइन निकलने के बावजूद अभी तक राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा नहीं हुआ है। इससे पहले माकन ने 31 दिसंबर तक कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन का दावा किया था लेकिन संगठन की नियुक्तियां भी देरी से हुई। माकन की बताई डेडलाइन पर न सत्ता और न संगठन की नियुक्तियां हुई।
51 बोर्ड,निगम और 30 हजार ब्लाॅक व जिला स्तर पर नियुक्तियां बाकी
प्रदेश में करीब 51 बोर्ड, आयोग और निगमों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, सदस्यों की राजनीतिक नियुक्तियां शेष हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेता राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कतार में हैं। जिला और ब्लॉक स्तर पर भी 30 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं। राजनीतिक नियुक्तियों में हो रही देरी से अब कांग्रेस में कई तरह की चर्चाएं हैं।
गहलोत और पायलट की खींचतान में अटकी नियुक्तियां
जानकारों का मानना है कि कांगेस की आपसी खींचतान के कारण राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई हैं। सीएम गहलोत और सचिन पायलट खेमों की सहमति नहीं बनना राजनीतिक नियुक्तियां अटकने के पीछे बड़ा कारण बताया जा रहा है।
प्रदेश में अभी मंत्रिमंडल मेंं 9 मंत्रियों की जगह खाली है। लंबे समय से कांग्रेस के कई विधायक मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं। पायलट खेमे के बगावत के बाद से ही बताया जा रहा है कि पायलट खेमा जल्द मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव बना रहा है। पायलट ग्रुप की बगावत के समय खुद पायलट और उनके साथ उनके समर्थक रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था। पायलट अब अपने छह से सात समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने की मांग को लेकर दबाव बना रहे हैं। इस पर सहमति बनना बाकी है।