जयपुर/ राजस्थान सरकार द्वारा इस बार शराब ठेकों की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया से सरकार को अधिक राजस्व उम्मीद सफल होती नजर आ रही है पहले ही दिन कल शुरू हुई ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में जमकर राजस्व की आई हुई है पहले ही दिन एक शराब का ठेका 11 करोड़ 60 लाख में झूठा हालांकि ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया महंगी होने को लेकर शराब कारोबारी थोड़ा सह में और डरे हुए भी हैं लेकिन सरकार की इस नई नीति से वास्तव में जो शराब ठेका लेने वाले कारोबारी हैं वही इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं और पहले की तरह जो कुकुरमुत्ता फॉर्म भरकर लॉटरी में शामिल हो जाते थे और लॉटरी खुलने के बाद ब्लैक मनी लेकर ठेके को भेज देते थे उस प्रक्रिया पर आप विराम लगा है ।
आबकारी विभाग के ऑनलाइन शराब नीलामी में पहले दिन जबरदस्त धन वर्षा हुई। 1279 दुकानों की नीलामी से 2237 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिलेगा, जबकि सरकार ने इन सभी दुकानों का रिजर्व प्राइज 1724 करोड़ रुपए रखा था। इसमें सबसे महंगी दुकान चूरू जिले के सुजानगढ़ में बिकी, जिसके लिए अधिकतम 11.60 करोड़ रुपए बोली लगी। वही मेवाड के निम्बाहेड़ा और जयपुर में तो दो दुकानें ऐसी रही, जिन्हें लेने के लिए बोलीदाताओं में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रही। जयपुर की एक दुकान के लिए 22 घंटे, जबकि निम्बाहेड़ा की एक दुकान के लिए 25 घंटे तक नीलामी चली।
आबकारी विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक निम्बाहेड़ा में रेलवे फाटक के पास सिंधी कॉलोनी की दुकान संख्या एक के लिए सबसे लंबी बोली चली। इस दुकान के लिए बिडरों ने 120 बार से ज्यादा बार बोली लगाई। दुकान बेचने के लिए न्यूनतम रिजर्व प्राइज एक करोड़ 82 लाख 35 हजार रुपए रखी थी, जिसकी अंतिम बोली 2 करोड़ 5 लाख 35 हजार लगी। वहीं
राजस्थान की सबसे महंगा शराब ठेका यहां
राज्य की सबसे महंगी दुकान की बात करें तो वह डूंगरपुर जिले के खजूरी क्षेत्र की है, जिसके लिए विभाग ने न्यूनतम रिजर्व प्राइज 18 करोड़ 99 लाख 33 हजार रुपए रखी थी, लेकिन इस दुकान के लिए एक भी खरीददार नीलामी में नहीं आया। ये दुकान गुजरात बोर्डर से करीब 4-5 किलोमीटर दूरी पर पड़ती है, जिसके कारण वहां सबसे अधिक बिक्री होती है।