Jaipur News। राजस्थान में सरकार ने नई आबकारी नीति लागू कर दिए इसके तहत अब प्रदेश में शराब की दुकानें लाठी से नहीं बल्कि ई नीलामी प्रक्रिया से मिलेगी जो उनके नाम लगाएगा वह शराब ठेके का मालिक होगा इस नई व्यवस्था से जहां पारदर्शिता आएगी वहीं राज्य सरकार को राजस्व आय में भी बढ़ोतरी होगी।
राजस्थान सरकार ने 2021-2022 की नई आबकारी नीति जारी करते हुए यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है ।
राजस्थान सरकार के वित्त (राजस्व) शासन सचिव टी. रविकांत ने नई आबकारी नीति के आदेश जारी किए हैं । इस नई पहल से शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता आएगी साथ ही किसी भी तरह के आरोप प्रत्यारोपों की आशंकाओं और विवादों पर विराम लगेगा. और जो वास्तव मे ठेका लेना चाहता है वही नीलामी मे शामिल होगा। नई नीति से सरकार को अनुमानित राजस्व आय 13 हजार करोड़ की रखी गई है। इस पाॅलिसी में कोरोना संकटकाल में बर्बाद हुए उद्योगों को राहत देने की भी कवायद की गई है।
बीयर पर अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी में 10 प्रतिशत की कमी की गई है ।।
भारत निर्मित विदेशी मदिरा एवं विदेशी आयातित मदिरा के अलावा अन्य आबकारी उत्पादों पर कोविड सरचार्ज समाप्त कर दिया गया है।
दुकानों की संख्या में भी नहीं हुई कोई बढ़ोतरी
राज्य सरकार की ओर से जारी नई आबकारी नीति में विदेशी मदिरा बीयर और वाइन की कुल दुकानों की जनसंख्या है उसको यथावत रखा गया है राजस्थान में 7665 दुकानें ही रहेंगे और सभी दुकानें कम अपोजिट श्रेणी में रहेगी इसके साथ ही पर्यटन विकास निगम की जो दुकानें हैं वह भी जारी रहेगी।
नीलामी प्रक्रिया में 1 जिलों में एक व्यक्ति दो से अधिक और संपूर्ण राज्य में 5 से अधिक दुकानों की नीलामी में भाग नहीं ले सकेगा साथ ही नीलामी में भाग लेने के लिए 50 लाख रुपए तक की रिजर्व प्राइस वाले दुकान के लिए 40 हजार आवेदन शुल्क और 50 हजार अमानत राशि 50 लाख से अधिक और ₹2 करोड़ तक की रिजर्व प्राइस वाली दुकान के लिए 50 हजार आवेदन और अमानत राशि 1 लाख 2 करोड़ से अधिक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के लिए ₹60 हजार आवेदन और ₹2 लाख अमानत राशि जमा की जाएगी इसमें शुल्क आवेदन शुल्क non-refundable होगा।
गली-गली खुल जाएगी होटल और रेस्टोरेंट बार
राज्य सरकार की ओर से जारी नई पॉलिसी के अनुसार स्थानीय निकाय से होटल और रेस्टोरेंट का लाइसेंस प्राप्त होने पर बार खोली जा सके इसमें व्यवसायिक भूखंड होने की बाध्यता समाप्त होने के चलते अब गली मोहल्लों में खुले होटलों और रेस्टोरेंट में भी बार खुल सकेंगे।
शराब दुखांतिका पर यह होंगे जिम्मेदार
इसके अलावा यदि अवैध शराब के सेवन से कोई भी दुखांतिका होगी तो सबसे पहले जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरोधक दल, संबंधित थाने, आबकारी थाने के बीट कांस्टेबल, जिला पुलिस के उप अधीक्षक, थाने के कांस्टेबल को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।