राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौर एवं पवन ऊर्जा पर विशेष फोकस – अशोक गहलोत

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Jaipur। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी सरकार ने राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) सौर ऊर्जा (solar energy), पवन ऊर्जा (Wind power) एवं बायोमास (Biomass)जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों (Renewable energy sources) को विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रही है।

अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बीकानेर के छतरगढ़ में बने 220 केवी के ग्रिड सब स्टेशन के लोकार्पण के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान में असीम संभावनाएं हैं।

इसमें राजस्थान की स्थापित क्षमता अब 5002 मेगावाट हो गई है जबकि पवन ऊर्जा में भी हमारी स्थापित क्षमता 4337 मेगावाट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की हर ढाणी में बिजली पहुंचाने की दिशा में कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने दो साल में 1 लाख 81 हजार नए कृषि कनेक्शन जारी किए हैं। इस बार बजट में 50 हजार नये कृषि कनेक्शन दिए जाने की घोषणा की गई है। साथ ही, 50 हजार सोलर पम्प के लिए भी प्रावधान किया गया है ताकि किसान कुओं पर सोलर पम्प लगाकर अपने खेतों में सिंचाई कर सके।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 1998 में पहली बार मैं मुख्यमंत्री बना, तभी से प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाना हमारी पहली प्राथमिकता में रहा और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। दूसरी बार हमारी सरकार बनने पर 2009 में छबड़ा एवं सूरतगढ़ में 660-660 मेगावाट की दो-दो सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट स्वीकृत की गई। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से कृषि का बजट अलग से प्रस्तुत करने के साथ ही किसानों के लिए अलग कृषि विद्युत कम्पनी स्थापित करने की घोषणा की गई है ताकि किसानों को बिजली से संबंधित कोई समस्या ना रहे। मीटर से बिल भुगतान करने वाले किसानों को प्रतिमाह 1000 रूपये सब्सिडी देने की घोषणा हमने बजट में की है। इससे उन्हें प्रतिवर्ष 12 हजार रूपये बिजली बिल में सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल की तरह ही इस बार भी हमने किसानों की बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी खाली जमीन पर सोलर पैनल लगाकर उत्पादित बिजली सरकार को बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि इस योजना में दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाते हुए अपने खाली पड़े खेतों में सोलर पैनल लगाएं और बची हुई बिजली सरकारी ग्रिड मे डालकर आमदनी बढ़ाएं।

अशोक गहलोत ने इस बार बजट में की गई सबसे महत्वपूर्ण घोषणा ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को 5 लाख रूपये तक कैशलेस बीमा की सुविधा दे रही है।

उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों एवं समाज में सरोकार रखने वाले लोगों का आह्वान किया कि वे लोगों को इस योजना के लिए रजिस्टे्रेशन कराने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाएं ताकि लोग उन योजनाओं का लाभ उठा सकें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 5 हजार से आबादी वाले गांवों और कस्बों में अगले 2 साल में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की घोषणा की है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और वे शहरी क्षेत्र के बच्चों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को भी एसटी, एससी की तर्ज पर आयु एवं फीस में छूट देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला (Energy Minister Dr. B. D. Kalla) ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन की क्षमता 23000 मेगावाट तक पहुंच गई है। राज्य सरकार कृषि कनेक्शनों पर प्रतिवर्ष किसानों को 16 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन की कुल क्षमता का पूरा उपयोग किया जाए तो राजस्थान सौर ऊर्जा का हब बन जाएगा। आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा से 30 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है।

शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा (Minister of State for Education Govind Singh Dotasara) ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष के लिए विधानसभा में अलग से कृषि बजट पेश करने का दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लिया है। इसके अलावा कटे हुए कृषि कनेक्शनों कोे दोबारा जोड़ने की अवधि 15 से बढ़ाकर 20 साल कर दी है।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी (Minister of State for Higher Education Bhanwar Singh Bhati) ने कहा कि बीकानेर जिले में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं। बिजली के क्षेत्र में यहां 7 बड़े ग्रिड सब स्टेशनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। छतरगढ़ में 220 केवी जीएसएस के लोकार्पण हो गया है। इसके अलावा 132 केवी क्षमता के 6 अन्य जीएसएस के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।

खाजूवाला से विधायक गोविन्द राम मेघवाल ने उनकेे विधानसभा क्षेत्र के लिए की गई बजट घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि 220 केवी जीएसएस शुरू होने से खाजूवाला क्षेत्र में किसानों के चेहरे पर खुशी है।

प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा दिनेश कुमार ने बताया कि करीब 27 माह में इस सब-स्टेशन का कार्य पूर्ण हुआ और इसकी कुल लागत 129 करोड़ रूपये है। इस जीएसएस के बनने से प्रतिवर्ष करीब 193 लाख यूनिट विद्युत छीजत में कमी आएगी। साथ ही, छतरगढ़, लूणकरणसर एवं आस-पास के क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में सुधार आएगा।

कार्यक्रम में बीकानेर जिले के जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, जयपुर एवं जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक सहित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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