राजस्थान की 14 जिला परिषदों व 133 पंचायत समितियों में महिलाओं के सिर सजा ताज

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur News । राजस्थान के 21 जिलों में कराए गए पंचायत राज चुनावों में इस बार दोनों ही दलों ने महिलाओं को सियासी दंगल में उतारने के लिए दिल खोलकर साहस जुटाया। इसी का नतीजा रहा कि पंचायतराज चुनावों में चाहे जिला प्रमुख का पद हो या फिर पंचायत समितियों में प्रधान का पद, महिलाओं ने दोनों पदों पर अपना दबदबा साबित किया है। प्रदेश की 14 जिला परिषदों में महिला जिला प्रमुख बनीं है। वहीं, 221 में से 133 पंचायत समितियों में महिला प्रधान बनी है। पहली बार जिला प्रमुख व प्रधान के पदों पर 50 फीसदी से ज्यादा महिलाओं का कब्जा हुआ है। कई जिलों की ज्यादातर पंचायत समितियों में महिला प्रधान बनी है।

महिलाओं के लिए आरक्षित वार्डों से ज्यादा सीटों पर जीत होने से राजनीतिक समीकरण बदलने लगे है।
नतीजों का आंकलन करें तो अजमेर, झालावाड़ व बीकानेर में 6-6, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, चुरु व डूंगरपुर में 5, बाड़मेर में 10, भीलवाड़ा, पाली, सीकर व जालोर में 8-8, बूंदी में 2 महिला प्रधान बनी है। वहीं हनुमानगढ़, राजसमंद व टोंक में 4-4, जैसलमेर में 3, झुंझुनूं में 7, नागौर व उदयपुर में 12-12 महिला प्रधान बनी है। जिला प्रमुख व पंचायत समिति प्रधान पद के लिए भाजपा-कांग्रेस ने जमकर तोडफ़ोड़ की। डूंगरपुर में तो सियासी संकट के दौरान कांग्रेस सरकार के बचाव में खड़ी बीटीपी को हराने के लिए कांग्रेस ने भाजपा से हाथ मिलाने से भी परहेज नहीं किया। बूंदी में कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया। नागौर में बराबरी का मामला रहने के बावजूद कांग्रेस के हाथ से बाजी निकल गई। बाड़मेर में भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ गया।

यहां ऐसे बदली बाजी

अजमेर जिला प्रमुख पद के लिए भाजपा लीड कर रही थी, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा के बागी को सपोर्ट कर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया। जैसलमेर में बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रमुख नहीं बना पाई और 4 वोट क्रॉस होने से भाजपा का जिला प्रमुख बन गया। तीन दशक में पहला मौका है जब भाजपा को यहां सफलता मिली है। इससे पहले गाजी फकीर और कांग्रेस का इस क्षेत्र में दबदबा था। पहली बार बॉर्डर के करीब भाजपा का कब्जा हुआ है। बूंदी में बहुमत के बावजूद भाजपा से बागी हुई महिला उम्मीदवार की मंत्री अशोक चांदना ने मदद कराई और कांग्रेस की मदद से जिला प्रमुख बनवा दिया। ऐसे में भाजपा के हाथ से एक जिला प्रमुख की सीट निकल गई। बाड़मेर में कांग्रेस और भाजपा के 18-18 उम्मीदवार जीते थे, लेकिन कांग्रेस के महेंद्र चौधरी 21 वोट लेकर चुनाव जीत गए। आरएलपी का बाड़मेर में कांग्रेस नेता के पक्ष में खड़े रहना चर्चा का विषय भी रहा। नागौर में भाजपा और कांग्रेस के वोट 19-19 बराबर होने के बाद लॉटरी से भाजपा के भागीरथ चौधरी जिला प्रमुख बने। यहां आरएलपी ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, जिसे 9 के 9 वोट मिल गए। डूंगरपुर में 27 में से बीटीपी के 13 जिला परिषद सदस्य जीते थे। यानी बहुमत से एक कम, फिर भी भाजपा जिला प्रमुख बनाने में कामयाब हुई। यहां रोचक यह रहा कि भाजपा के 8 और कांग्रेस के 6 सदस्य चुनाव जीत कर आए थे, लेकिन दोनों ने बीटीपी का प्रमुख नहीं बनने दिया और आपस में ही गठबंधन कर लिया।
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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम