जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में राजस्थान का 2021-22 का बजट पेश किया। राजस्थान में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया। इसके लिए विधायकों को भी ब्रीफकेस के साथ में टैबलेट दिया गया। कुल 2 घंटे 46 मिनट के बजट भाषण में मुख्यमंत्री गहलोत ने हर वर्ग को छूने की कोशिश की। गहलोत ने बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगाया, बल्कि टैक्स की अलग-अलग मद में 910 करोड़ रुपये की छूट दी है। बजट पेश होने के बाद आगे चार दिनों तक सदन में इस पर बहस होगी। बजट पेश करने के बाद सदन की कार्रवाई गुरुवार, 25 फरवरी को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बजट की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में पहलीबार पेपर लेस बजट पेश हो रहा है। यह एक ऐतिहासिक बजट है। हमारे सामने बड़ी चुनौती के बाद भी प्रदेश के विकास में आर्थिक संसाधनों की कमी नहीं आने देंगे।
उन्होंने कहा कि पात्र बेरोजगार युवाओं को चार माह का प्रशिक्षण देकर विभिन्न विभागों को राजीव गांधी युवा वालंटियर बनाए जाएंगे। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराए जाएंगे, वन टाइम वेरिफिकेशन सिस्टम बनाया जाएगा, 50 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी। प्रदेश के युवाओं व बच्चों के लिए शारीरिक विकास के लिए मेजर ध्यानचंद स्टेडियम की घोषणा की गई। प्रत्येक ब्लॉक में खेल स्टेडियम का ऐलान किया गया। विधायक, सांसद निधि व जनता से राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी का सरलीकरण होगा, रजिस्ट्रीकरण ऑनलाइन करने की घोषणा, डीएससी रेट 10 प्रतिशत और स्टाम्प ड्यूटी 2 प्रतिशत कम की। 50 लाख रुपए तक के फ्लैट के पंजीकरण शुल्क में कमी, पोता-पोती व दोहिता-दोहित्री के हक में गिफ्ट डीड शुल्क मुक्त की गई। सीट बैल्ट व हैलमेट चालान की राशि कम नहीं की जाएगी। ग्रामीण मार्ग पर नई बस लगाने पर 3 साल तक टैक्स नहीं चुकाना होगा। लग्जरी बसों को जुलाई 20 से जून 21 कर टैक्स में छूट दी गई। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अनुदान का ऐलान किया गया। शराबबंदी के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, अभियान पर 5 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।