Jaipur News।सीएम गहलोत की अध्यक्षता में शुरू हुई कर परामर्शदात्री समिति की बैठक में औद्योगिक संगठनों,वाणिज्यिक उपक्रमों ने एमनेस्टी स्कीम सहित करों में छूट देने जैसी कई मांगें रखीं संगठनों ने मोटे तौर पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट,करों में राहत देने सहित प्रमुख मांगें रखीं इसमें से अहम सुझावों को सीएम गहलोत की ओर से बजट प्रस्ताव में शामिल किए जा सकते हैं। कोरोना के बाद प्रदेश का पहला बजट बनाने से पूर्व आज से कर परामर्शदात्री समिति की बैठकों का दौर आज से शुरू हुआ. इसमें अलग अलग वाणिज्यिक संगठनों,औद्योगिक संगठनों ने सुझाव दिए।
होटल उद्योग की मांगें
पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने इसमें खास तौर पर राहत की मांग की है । कोरोना की वजह से नुकसान की भरपाई हो. साथ ही यह भी मांग की गई है कि टूर ऑपरेटर्स का मोटर व्हीकल एक्ट के तहत लगने वाला 2 साल का कर माफ हो । होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है जिसकी सुविधाएं नहीीं दी जा रहीं हैंं । 1989 से पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे रखा है लेकिन इसका लाभ नहीं मिला है । उनका कहना है कि केंद्र के बजट से राहत नहीं मिली, बल्कि सरकार ने पर्यटन का बजट 20% कम कर दिया । राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है.इस लिहाज से राज्य का पर्यटन का बजट सबसे कम है। ऐसे में राज्य का पर्यटन का बजट कम से कम 500 करोड़ किया जाए जिसमें पिछले साल का यूज नहीं हो सका पर्यटन का बजट भी यूज किया जाए और उन्होंने कहा कि अधिकारियों के अनुसार सीएम भी पर्यटन के लिए चिंतित हैं और अब राज्य से हमें राहत की उम्मीद है.
हेरिटेज होटल्स को करना पड़ रहा है परेशानी का सामना
हैरिटेज होटल एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने कहा कि गांव में या शहर से बाहर जो हेरिटेज होटल है। वहां उनका सर्वाइवल मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि आबकारी नीति, कन्वर्जन नीति और पट्टे से जुड़ी नीति को लेकर हेरिटेज होटल्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर से बाहर या ग्रामीण क्षेत्र में जो हवेलियां हैं उसमें 25% डीएलसी की दर से पट्टा दिया जा रहा है जबकि उसकी जमीन के मालिक हैरिटेज होटल व्यवसायी हैं । उनका कहना है कि ऐसे में पट्टा फीस या तो माफ हो या कम हो ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटल का उत्थान ज्यादा से ज्यादा हो तथा आबकारी के लिए जो फीस ली जा रही है । ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी खपत शराब की नहीं है। ऐसे में कम से कम 1 या 2 साल के लिए या फीस माफ की जानी चाहिए।
कर सलाहकारों के सुझाव
– फंड रोटेशन करने,ई कॉमर्स खरीद पर मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट की समीक्षा करने की मांग
-सीमेंट उद्योग में ट्रेड व नॉन ट्रेड की विसंगतियां दूर करने की मांग
-मार्बल व्यवसाय में अंडर बिलिंग सहित कर मूल्य निर्धारण की विसंगतियां दूर करने की मांग
-पेट्रोल पंप डीलर के वैट रजिस्ट्रेशन जीएसटी में माइग्रेट करके किए जाएं समाप्त
-वैट सिलेक्टिव एसेसमेंट सिस्टम में ऑल टैक्स व पेनल्टी डिमांड की गई लागू ,जिसे दूर करने की मांग
-वाणिज्य कर विभाग द्वारा कैंप लगाकर समस्या निदान किया जाए.।
फोर्टी के सुझाव
-एंट्री टैक्स व एंटरटेनमेंट टैक्स को एमनेस्टी स्कीम में किया जाए शामिल
-महाराष्ट्र की तर्ज पर ई वे बिल की लिमिट बढाकर 1 लाख की जाए
-पार्टनरशिप उद्योग में जो स्टाम्प ड्यूटी 1 बार लगाई जाती है
वह हर बार पार्टनरशिप बदलने पर अलग अलग बार नहीं लगाई जाए
उद्योंगों का बढ़ाया हुआ फिक्स बिजली चार्ज घटाया जाए
पहले जैसा ही फिक्स चार्ज रखा जाए
रियल एस्टेट के मंद कारोबार को गति देने के लिए क्रेडाई राजस्थान ने सरकार से मांगी विभिन्न टैक्सों में छूट
क्रेडाई राजस्थान के सुझाव
वित्तीय वर्ष 2021- 22 के बजट को लेकर मुख्यमंत्री को कई सुझाव दिए गए हैं. इसमें मुख्य तौर पर बहुमंजिला परिसरों में निर्मित इकाइयों के विक्रय पत्रों के पंजीयन पर 4% मुद्रांक शुल्क लिए जाने बाबत, अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के अंतर्गत निर्मित आवासों पर देय मुद्रांक शुल्क पूर्व की तरह किए जाने, पंजीयन पंजीयन शुल्क की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपए निर्धारित करने, विक्रय अनुबंध के पंजीयन पर देय पंजीयन शुल्क का समायोजन कर 3 वर्ष की बजाय 5 वर्ष करने, होटलों को बाहर लाइसेंस प्रदान करने, स्टोन की वैधता न्यूनतम 1 वर्ष करने, व्यवसायिक परिसरों की डीएलसी दरों के निर्धारण बाबत, किराए नामे- लीज डीड पर स्टांप शुल्क संपत्ति की मार्केट वैल्यू के बजाए किराए की राशि पर वसूल करने के संबंध में, डीएलसी दरों के निर्धारण को पारदर्शी बनाने की मांग की गई है. क्रेडाई राजस्थान ने रियल एस्टेट व्यवसाय में व्याप्त मंदी को मध्य नजर रखते हुए कई तरह की रियायत देने की भी मांग करते हुए कहा है कि सरकार अगर बजट में यह रियायत में प्रदान करती है तो रियल स्टेट कारोबार जो कि लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ ही सरकार के खजाने में आर्थिक मदद करता है तथा राहत देने से में इस सेक्टर को काफी राहत मिल सकेगी।।
ये रियायतें मांगी
1– वरिष्ठ नागरिकों व विकलांग व्यक्तियों के पक्ष में निष्पादित संपत्ति पर प्रचलित मुद्रांक शुल्क से 1% शुल्क कम लिया जावे।
2– आवासीय योजना विकसित करने के लिए क्रय की गई कृषि भूमि पर मुद्रांक शुल्क सामान्य दर का 50% निर्धारित किया जाए।
3– अफॉर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए आवासीय उपयोग हेतु रूपांतरित भूमि खरीदने पर कृषि भूमि की दर पर डीएलसी दर निर्धारित की जाए।
4– कृषि भूमि की खरीद करने पर
भूमि की सामान्य दर का 50% दर मानकर मुद्रांक शुल्क की गणना की जावे ।
5- डवलपर एग्रीमेंट के साथ भू स्वामी द्वारा डेवलपर को दी जाने वाली पावर ऑफ अटॉर्नी पर मुद्रांक शुल्क अधिकतम ₹5000 किया जाना उचित होगा ।
6- कॉर्नर के भूखंडों पर 10% अतिरिक्त मुद्रांक शुल्क का प्रावधान है जबकि ऐसे भूखंडों पर निर्मित इकाइयों को इसका कोई लाभ नहीं मिलता है अतः कॉर्नर के भूखंडों पर बहुमंजिला परिसरों का निर्माण करने पर भूखंड पर सामान्य दर पर मूल्यांकन किया जाना उचित होगा।
7- संपत्ति के मूल्यांकन से संबंधित पुराने लंबित प्रकरणों में एवं ऑडिट ऑब्जेक्शन के अंतर्गत अतिरिक्त स्थान बूटी की मांग पर ब्याज एवं शासकीय में छूट प्रदान की जाए।
8- बहुमंजिला भवनों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 1000 वर्ग मीटर एवं अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों के पंजीयन पर प्रचलित मुद्रांक शुल्क में न्यूनतम 10% की छूट प्रदान की जाए।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के सुझाव:
खेतिहर महिलाओं को दी जाए सुविधा
-आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिले इसके लिए
-खेतिहर महिलाओं को राशि दी जाए
-जिला मुख्यालय पर कामकाजी महिलाओं के लिये बने छात्रावास
बैठके आज भी
कर परामर्शदात्री समिति की बैठकों का दौर आज भो होगा । मुख्यमंत्री शनिवार को दोपहर 12 बजे गैर सरकारी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ तथा शाम 4 बजे किसानों, पषुपालकों एवं डेयरी संगठनों के पदाधिकारियों एवं जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट को लेकर संवाद करेंगे। इन बैठकों में संबंधित विभागों के मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
.