जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि बजरी के साथ-साथ बिजली खरीद का अनुबन्ध भी गहलोत सरकार ने किया था। भाजपा सरकार ने कोई नए अनुबंध नहीं किए। क्या-क्या नहीं किया कांग्रेस ने, महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में उसके मंत्री जेल गये। टीवी पर कांग्रेस के मंत्रियों को पैसे लेते हुए दुनिया ने देखा। सच तो यह है कि भ्रष्टाचार, दुराचार, अत्याचार का पर्याय कांग्रेस अब दुष्प्रचार पर उतर आई है।
राजे शनिवार को सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा, झाडोल विधानसभा क्षेत्र के फलासिया, कुशलगढ विधानसभा क्षेत्र के चुराड़ा, धरियावद के मुगाना, घाटोल के पीपलखूंट और बांसवाड़ा में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तो बिजली खरीद के लिए किसी निजी कंपनी से कोई करार नहीं किया। बिजली खरीद के लंबी अवधि के करार पिछली गहलोत सरकार ने किए। हमारी सरकार ने तो उन्हीं दरों पर बिजली खरीदी जिनका अनुबंध कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव 2013 से पहले अडानी से किया था।
राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार पर जमकर आरोप लगाए और कहा कि गहलोत सरकार के समय चुनावी चंदे के लिए बजरी के ठेके दिए गए। जिनसे पीछा छुड़ाने के लिए हमारी सरकार को लंबी कानूनी लड़ाई लडऩी पड़ी। गहलोत सरकार ने राज्य में बजरी खनन के लिए तहसीलवार बड़े आकार के प्लॉट बनाकर वर्ष 2012-13 में 82 एलओआई (मंशापत्र) जारी किए। बड़े आकार के तहसीलवार प्लॉट बनाने से एक ही गु्रप ने राज्य के लगभग पूरे बजरी खनन क्षेत्र पर एकाधिकार कर लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 50 साल तक प्रदेश के किसानों का भला नहीं किया उल्टे उन्हें कर्जदार बना दिया। हमारी सरकार ने प्रदेश के तीस लाख किसानों के कर्ज माफ किए। उनके लिए बिजली की दरें नहीं बढाई। साथ ही उन्हें मुफ्त बिजली दी।