जयपुर
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विभिन्न मार्गों पर चल रही लोक परिवहन की बसें बंद नहीं होगी,क्योंकि इनके संचालकों ने पैसा आरटीओ में जमा करवा रखा है। लेकिन अब आगे से इन बसों को परमिट नहीं मिलेगा क्योंकि इनकी वजह से रोडवेज को काफी घाटा हो रहा है। रोडवेज की जमीन बेचकर घाटा पूरा करने के मुद्दे पर भी खाचरियावास ने कुछ नहीं बोला।
इधर मंत्री ने रोडवेज मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक ली,जिसमें साफ तौर पर बता दिया कि इस समय रोडवेज करीब 4600 करोड़ रुपए के घाटे से गुजर रही है और लगभग 20 करोड़ रुपए का घाटा प्रतिमाह बढ़ता जा रहा है। नई बसों की खरीद की फाइल अटकी पड़ी है और लंबे मार्गों पर चलने वाली अधिकांश बसें बंद हो गई है। रोडवेज कर्मचारियों को अभी भी दो-तीन माह के अन्तराल से वेतन मिल रहा है। हालांकि इन सबके बावजूद परिवहन मंत्री ने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के बराबर वेतनमान का आश्वासन देकर रोडवेज कर्मियों को खुश करने का प्रयास किया।
बैठक में मंत्री और भी कई मामलों में कड़ी सच्चाई से रू-ब-रू हुए। अधिकारियों ने बसों की स्थिति और निर्माण कार्यों की जानकारी से भी खाचरियावास को अवगत करवाया। अफसरों का कहना था कि कोई भी नया प्रोजेक्ट इस समय रोडवेज में नहीं चल रहा हैै। जयपुर के सिंधी कैंप बस अड्डे के एक हिस्से के नवीनीकरण का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुआ था भाजपा सरकार ने इसको ही आगे बढ़ाया है। विभाग में कई पद खाली है जहां पर कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्यभार दे रखा है।