जयपुर/ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों के हितों के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए अब प्रदेश में नगर परिषद को भी पत्रकारों को भूखंड आवंटन करने तथा पत्रकारों के लिए आवाज से योजनाओं में 10 बीघा भूमि आरक्षित रखने की दिशा निर्देश दिए हैं ।
राजस्थान सरकार की ओर से अब राज्य में स्थित जिला मुख्यालयों में जहां,विकास प्राधिकरण व नगर विकास न्यास नहीं है, नगर परिषद की ओर से मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आवासीय कॉलोनी बसाई जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर गुरुवार को स्वायत शासन विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए है ।
आदेश में विभाग के निदेशक ह्रदेश कुमार शर्मा ने समस्त नगर
परिषद मुख्यालयों को निर्देश दिए गए कि इं आवासीय कॉलोनियों ये लिए से अपने अपने क्षेत्र में 10 बीघा जमीन चिन्हित कर निदेशालय को प्रस्ताव भिजवाए।
निकट भविष्य में उच्च स्तर पर आयोजित विशेष बैठक में इसकी समीक्षा प्रस्तावित है। आदेश ने इसे विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए है ।
विदित है की इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों के हितों के लिए इस कार्यकाल में कई राज दी है वरिष्ठ पत्रकारों को जो पेंशन दी जा रही थी उसे पूर्वक भाजपा की वसुंधरा राज्य सरकार ने बंद कर दिया था गहलोत ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद इस पेंशन योजना को वापस चालू ही नहीं किया वरन इसकी राशि को 5000 से बढ़ाकर 15000 कर दिया।
पत्रकारों को चिरंजीवी योजना के साथ ही ₹500000 तक के इलाज की सुविधा प्रदान की विज्ञापन नीतियों में संशोधन किया तथा पत्रकारों की समस्या और हितों के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन किया पत्रकारिता के लिए से कई निर्णय लिए लागू की है।