नए तेवरों के साथ मैदान में राहुल, शाह ने चुने नए इलाके

liyaquat Ali
5 Min Read

 

राजस्थान का रण

जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में प्रदेश के मेवाड अंचल में बडी सभा कर गए है। यहां उनका भाषण एक बार फिर किसी नई बात या आगे के रोड मैप की बजाय मौजूदा बीजेपी सरकारों की नकारात्मक आलोचना तक ही सीमित रह गया।

राहुल ने मोदी और राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, राफेल को उछाला तो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को भी अमीरों के लिए काम करने का सबूत बताया. उत्तर प्रदेश की तरह अब यहां भी फोन के पीछे ’मेड इन डूंगरपुर’ लिखे होने का सपना देखने की बात कही। राहुल गांधी ने प्रदेशाध्यक्ष को संबोधित कर उन्होंने चुनाव में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदवार बनाने का आह्वान किया।

उनके पूरे भाषण और पिछले चुनावी कैम्पेन को देखते हुए लग रहा है कि राहुल
गांधी की पूरी कोशिश है कि कैसे भी राफेल को उसी तरह मुद्दा बनाकर मोदी
को पटखनी दी जाए जिस तरह वी.पी. सिंह ने बोफोर्स का इस्तेमाल किया था।
लिहाजा राजस्थान के इस दूर दराज और आदिवासी इलाके में भी उन्होंने राफेल
का जिक्र नहीं छोड़ा, हालांकि उन्हें सुनने वाले आधे से ज्यादा लोगों को
निश्चित रूप से राफेल से कोई मतलब नहीं रहा होगा लेकिन राहुल का टारगेट
तो बाकी देश था।

अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए राहुल ने कहा कि जिस तरह राफेल
विमानों की कीमत तीन गुना की गई, जिस तरह उनकी संख्या 126 से घटाकर सिर्फ
36 कर दी गई और जिस तरह सरकारी कंपनी एचएएल की बजाय नौसिखिया कंपनी को
ठेका दिया गया, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए।

हमेशा की तरह राहुल ने मोदी के मन की बात कार्यक्रम का भी मजाक उड़ाया।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी और की सुनने के बजाय सिर्फ अपने मन की
बात ही सबको सुनाना चाहते हैं।

कांग्रेस की ये रैली डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे में आयोजित की गई
थी. ये आदिवासी बहुल इलाका है. 2013 चुनाव से पहले भी मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत ने इस इलाके में सोनिया गांधी की रैली करवाई थीं तब सोनिया ने
आजादी के बाद पहली बार इस इलाके को रेल लाइन का सपना दिखाया थां अब
कांग्रेस बुलेट ट्रेन के लिए उस प्रोजेक्ट को शहीद कर देने का आरोप लगाती
है ।

ये इलाका इसलिए अहम है क्योंकि जब-जब कांग्रेस ने यहां बढ़त बनाई है,
तब-तब उसे सत्ता मिली है. इस इलाके में विधानसभा की 28 सीटें आती हैं और
2013 में यहां कांग्रेस को सिर्फ 2 सीट मिली जबकि बीजेपी को 25 सीटें
मिली थीं. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपनी संभागवार संकल्प रैलियों की
शुरुआत भी चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर से की थीं बीजेपी भी इस इलाके
का महत्व अच्छी तरह जानती है, इसीलिए गौरव यात्रा की शुरुआत चारभुजा नाथ
मंदिर से की गई थीं।

इधर, भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती भरतपुर संभाग बना हुआ है। खुद अमित
शाह इसे जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। भरतपुर-धौलपुर और
करौली-सवाई माधोपुर का इलाका उत्तर प्रदेश के ब्रज और मध्य प्रदेश के
चंबल इलाके से जुड़ा हुआ है। 2013 की मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को यहां
19 में से सिर्फ 12 ही सीट मिली थी। करौली जिले में तो 4 में से एक ही
सीट पर संतोष करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि जयपुर जैसे बीजेपी के मजबूत इलाकों में सीटें कम होने
की खुफिया रिपोर्ट के बाद नई रणनीति बनाई गई है। दूसरे इलाकों में कम
होने वाली सीटों की भरपाई भरतपुर संभाग से करने की कोशिश में ही अमित शाह
ने गंगापुर सिटी में रैली की है। यहां गुर्जर और मीना जातियों का बाहुल्य
है। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की बीजेपी में वापसी के बाद अब बीजेपी की
उम्मीदें बढ़ भी गई हैं।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *