
Jaipur News । राजस्थान में शुक्रवार से अगले 2 दिनों तक पुलिस की कड़ी परीक्षा शुरु हो गई। प्रदेशभर में 581 परीक्षा केन्द्रों पर इस साल की सबसे बड़ी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा शुक्रवार को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच शुरू हो गई। यह परीक्षा 8 नवंबर तक दो पारियों में चलेगी। परीक्षा में 17 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं।
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल के 5 हजार 438 पदों की इस भर्ती के लिए 17 लाख 60 हजार अभ्यर्थियों की परीक्षा ली जा रही है। राज्यभर में 581 परीक्षा केन्द्रों पर एक दिन में दो पारियों में सुबह 9 से 11 और दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। सुरक्षा कारणों से अभ्यर्थियों को शुक्रवार को पहली पारी में परीक्षा केन्द्रों पर दो घंटे पहले प्रवेश दिया गया। परीक्षा से आधे घंटे पहले एंट्री बंद कर दी गई। परीक्षा पर निगरानी रखने के लिए पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। परीक्षा सेन्टर्स पर स्ट्रांग रूम बनाने के साथ ही उन पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है।
परीक्षा केन्द्रों पर कोविड 19 गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। परीक्षार्थियों के लिए मास्क और थर्मल स्केनिंग की अनिवार्यता रखी गई है। परीक्षार्थियों के लिए सैनेटाइजर की भी व्यवस्था की गई है। कोरोना पॉजिटिव परीक्षार्थियों को अलग से बिठाने की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर अभ्यर्थी के दोनों हाथों के थंब इंप्रेशन लिए जा रहे हैं। इनमें बाएं हाथ के अंगूठे का मशीन के जरिए और दाएं हाथ के अंगूठे का फिजिकल इंप्रेशन लिया गया है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहे उम्मीदवारों को अपने साथ कई वस्तुओं को रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए हैं। यदि इंटरनेट के माध्यम से परीक्षा में किसी तरह का व्यवधान का इनपुट आता है तो इंटरनेट बंद करवाया जा सकता है। हालांकि, अभी इंटरनेट बंद का निर्णय नहीं लिया गया है।
प्रदेशभर में पहली पारी में शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा सम्पन्न हुई। कहीं से भी नकल व अन्य गड़बड़ी का मामला सामने नहीं आया। किसी तरह के जेवर वगैरह पहनकर नहीं आने के आदेश के बावजूद अभ्यर्थी जेवरात व एसेसरीज पहन कर पहुंचे। ऐसे में उनके जेवर आदि परीक्षा केन्द्रों से बाहर ही उतरवाए गए। इसमें अतिरिक्त समय लगा। परीक्षा में कई महिला अभ्यर्थी मंगलसूत्र व अन्य जेवर पहनकर पहुंची जो उन्हें केन्द्र के बाहर उतारकर अभिभावकों को देने पड़े। अभ्यर्थियों के फुटवियर भी परीक्षा कक्ष के बाहर ही खुलवाए गए। अभ्यर्थी को मूल प्रवेश पत्र तथा पेन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र या राज्य/केन्द्र सरकार की सेवा के परिचय पत्र में से कोई एक दस्तावेज देखकर केन्द्र में प्रवेश दिया गया। धर्मशालाओं व होटलों में अभ्यर्थी ठहरे हुए हैं। कई शहरों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने परीक्षार्थियों के नि:शुल्क ठहरने की व्यवस्था भी की है। साथ ही कई जगहों पर नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था भी की गई है।