
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से अपना इस्तीफा परमानेंट सोनिया गांधी के पास होने को लेकर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी हलचल तेज है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही बयानबाजी में अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन भी कूद गए हैं।
आचार्य प्रमोद कृष्णन ने देर रात ट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। हालांकि उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनकी ओर से किए गए ट्वीट से साफ है कि उनका निशाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ही है।
इस्तीफ़ा देने से पहले “इस्तीफ़ा”
देने की “धमकी” देना,
पार्टी हाई कमान को ब्लैक मेल करने जैसा है मुख्य मंत्री जी.— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) April 24, 2022
आचार्य प्रमोद प्रमोद कृष्णन ने देर रात ट्वीट करते हुए लिखा कि “इस्तीफा देने से पहले इस्तीफे की धमकी देना पार्टी हाईकमान को ब्लैकमेल करने जैसा है मुख्यमंत्री जी”। आचार्य प्रमोद कृष्णन के ट्वीट से साफ है कि उनके निशाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।
पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णन के निशाने पर रहे हैं मुख्यमंत्री
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के भी समर्थक हैं। कई बार आचार्य प्रमोद कृष्णन सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग सोशल मीडिया पर उठा चुके हैं। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई बार ट्वीट करके निशाना साध चुके हैं। सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई बार एक मंच पर नजर आ चुके हैं, दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध भी हैं।
यह दिया था मुख्यमंत्री ने बयान
दरअसल हाल ही में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान में सीएम का चेहरा बदलने की चर्चा चल पड़ी थी, जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व सेवा परिषद के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की अटकलों को अफवाह करार देते हुए कहा था कि ‘मेरा इस्तीफा तो परमानेंट सोनिया गांधी के पास है जिस दिन आलाकमान चाहेंगे उस दिन सीएम का चेहरा बदल जाएगा’ जब सीएम का चेहरा बदलने की बात आएगी तो किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी’ साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि वह राजनीति में बेहद मजबूत है अगर राजनीति में मजबूत नहीं होते तो तीसरी बार सीएम नहीं बनते।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नौकरशाहों के कार्यक्रम में सियासी संकट और बाड़ाबंदी का जिक्र करते हुए कहा था कि सरकार को 34 दिन बाड़ाबंदी में रहना पड़ा। विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर थे लेकिन विधायक बिके नहीं और मेरे साथ ही खड़े रहे, इसलिए सरकार बच गई।