अजमेर दरगाह में वसुंधरा राजे की चादर पेश

liyaquat Ali
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अजमेर।
सूफी संत ख्वाजा साहब के 807वें सालाना उर्स का विधिवत समापन रविवार को बड़े कुल की रस्म के साथ होगा। रविवार सुबह दरगाह के खादिमों द्वारा गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी। इसी के साथ संपूर्ण दरगाह परिसर को केवड़े व गुलाब जल से अकीदतमंद धोएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से शनिवार को उर्स के मौके पर चादर पेश की गई। पूर्व मंत्री युनुस खान चादर लेकर अजमेर पहुंचे। इससे पूर्व वसुंधरा राजे ने अपने जयपुर स्थित निवास स्थान पर ख्वाजा साहब के मजार शरीफ पर पेश की जाने वाली चादर भाजपा नेताओं को सौंपी।
खान के साथ पूर्व मदरसा बोर्ड चेयरमैन हिदायत खान धोलिया, दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान, शहर भाजपा अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष शफीक खान आदि ख्वाजा साहब की दरगाह पहुंचे। सभी को दरगाह के खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने जियारत कराई और वसुंधरा राजे की ओर से भेजी गई चादर मजार शरीफ पर पेश की और वसुंधरा राजे के बेहतर राजनीतिक जीवन व स्वास्थ्य की कामना करते हुए उनके लिए दरगाह का तबर्रूक भेंट किया।
उर्स के मौके पर वसुंधरा राजे की ओर से भेजा गया संदेश चिश्ती ने बुलंद दरवाजे से पढ़कर सुनाया। राजे ने अपने संदेश में कहा कि महान सूफी संत सुल्तान ए हिंद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 807वें सालाना उर्स की सभी को मुबारकबाद।
भारत की पहचान कही जाने वाली कौमी एकता की तहजीब को ख्वाजा साहब की शिक्षाओं ने बल दिया है। वह भारत की महान सूफी परम्पराओं के प्रतीक है और उनके द्वारा की गई खिदमत-ए-खल्क आज भी हम सबके लिए मिसाल है। उन्होंने प्रदेश की खुशहाली और अमन चैन की दुआ मांगी।
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