राजस्थान में पेपर आऊट व नकल पर नकेल कसने की तैयारी, चल अचल संपत्ति होगी जब्त, 10 साल की सजा और…

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ रीट-2021 (Reet 2021 )में पेपर लीक के विवाद के बाद अब गहलोत सरकार नकल पर नकेल कसने के लिए इसी बजट सत्र में बिल लेकर आएगी। यूपी और हरियाणा की तर्ज इस कानून के तहत नकल गिराेह की संपत्ति जब्त कर नीलाम कर दी जाएगी। प्रस्तावित बिल काे राजस्थान पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मिन्स) विधेयक-2022 नाम दिया गया है।

कानून का उल्लंघन करने को संज्ञेय, गैर जमानती और गैर शमनीय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। बिल में पेपर लीक को लेकर दंड, जुर्माने और सजा को लेकर प्रावधान प्रस्तावित हैं। दाेष साबित हाेने पर अलग-अलग मामलों में 1 से 10 साल तक की सजा व 10 लाख रु. से अधिक के जुर्माने का प्रावधान है। एसआई स्तर से नीचे का कोई अधिकारी ऐसे अपराधों की जांच नहीं करेगा।

किन परीक्षाओं में लागू होगा कानून

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राजस्थान सेकंडरी परीक्षा एक्ट-1957 के तहत होने वाली परीक्षाएं, विवि की परीक्षाएं, आरपीएससी, यूपीएससी आिद में लागू होगा। इसके अलावा प्रदेश के स्वायत्त कॉलेज की परीक्षा, रेलवे भर्ती बोर्ड, अजमेर, राजस्थान हाईकोर्ट, अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत होने वाली परीक्षा, अखिल भारतीय व्यापार परीक्षा और राजस्थान पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की परीक्षा।

किसी परीक्षा के संबंध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी लिखित, रिकाॅर्ड की गई, कॉपी या मुद्रित सामग्री से अनधिकृत सहायता लेना या किसी भी अनधिकृत या यांत्रिक उपकरण या गैजेट का उपयोग करना।

पेपर लीक करना या पेपर लीक करने की साजिश करना, अनधिकृत तरीके से पेपर प्राप्त करना या रखने का प्रयास करना, हल करना या हल करने का प्रयास करने को अपराध माना जाएगा

बिल( कानून) के मुख्य बिन्दू

1– किसी भी मौद्रिक लाभ या गैर कानूनी लाभ की वसूली का दोष सिद्ध होने पर ऐसे व्यक्ति की चल और अचल संपत्ति की कुर्की होगी। साथ ही किए गए लाभ की वसूली भी हो सकेगी।

2 — निरीक्षण दल का कोई सदस्य, कर्मचारी, परीक्षा प्राधिकरण, अधिकारी को किसी भी परीक्षा केंद्र में प्रवेश से रोकना, धमकी देना भी अपराध होगा। इसके लिए अधिकतम 5 साल की सजा व जुर्माना हो सकता है।

3 — परीक्षा में लगा कोई भी व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसको एक से 7 साल का कारावास हो सकता है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

4 — यदि कोई व्यक्ति संगठित तरीके से अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो 3 से 10 साल तक का कारावास हो सकता है। साथ ही 10 लाख रुपए या इससे अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

5 — इस एक्ट के उल्लंघन का दोषी ठहराए गए परीक्षार्थी को किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में बैठने के लिए एक वर्ष तक डिबार किया जाएगा। साथ ही उसको 3 साल तक का कारावास हो सकता है। जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम