जयपुर। प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति में एक बार फिर संशोधन किया है। ई-नीलामी के लिए आवेदकों की कमी को देखते हुए अग्रिम वार्षिक गारंटी राशि में राहत दी गई है। इस संबंध में वित्त शासन सचिव टी. रविकांत ने रविवार को संशोधन आदेश जारी किए।
आवेदकों की सुविधा के लिए नई आबकारी नीति में संशोधन के तहत अग्रिम वार्षिक गारंटी राशि का आठ प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। धरोहर राशि चार प्रतिशत के स्थान पर दो प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। इस प्रकार आवेदक को कुल वार्षिक राशि में 12 प्रतिशत के स्थान पर सात प्रतिशत ही वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में जमा करवाने होंगे।
कंपोजिट राशि एकमुश्त जमा करवाने के स्थान पर दो किश्तों में 50 प्रतिशत राशि 31 मार्च 2021 तक और शेष 50 प्रतिशत राशि 30 जून 2021 तक जमा कराने का निर्णय किया गया है। अनुज्ञाधारी को न्यूनतम रिजर्व प्राइज से अधिक प्राप्त होने वाली राशि में से इच्छानुसार भारत निर्मित विदेशी मदिरा और बीयर या देशी मदिरा से पूर्ति की सुविधा भी प्रदान की गई है। अनुज्ञाधारी को उसके द्वारा अधिक राशि की गारंटी पूर्ति नकद जमा कराने का भी प्रावधान दिया गया है। इस प्रकार अनुज्ञाधारी को नीलामी में बढ़ी हुई राशि के क्रम में यह छूट प्रदान होगी कि वह अपनी मांग अनुसार मदिरा या नकद जमा कराकर गारंटी पूर्ति कर सके। विदेशी मदिरा का भी भराव वार्षिक गारंटी राशि में समायोजित किया जाएगा।
राजस्थान में ई-नीलामी के जरिए 7 हजार 665 मदिरा दुकानों की बोली 3 से 10 मार्च तक पांच चरणों में आयोजित की जाएगी। आवेदक बोली दिनांक से एक दिन पहले तक रात के 11.59 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। नीलामी भारत सरकार के उपक्रम एमएसटीसी के माध्यम से की जा रही है, जिसकी विस्तृत जानकारी एमएसटीसी और राजस्थान एक्साइज की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई गई है।