राजस्थान में सियासी पारा गर्म-मंत्री चांदना ने सचिन पायलट को दी चुनौति, में लडने पर आ गया तो फिर..

Sachin pilot & Ashok Chandna

जयपुर/ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री अशोक चांदना अपने ही राजनीति गुरू सचिन पायलट को सोशल मीडिया पर खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह लड़ने पर आ गई तो फिर दोनों में से एक …।

राजस्थान में अभी सियासी पारा एकदम चढा हुआ है और सत्ता पक्ष कांग्रेस में मंत्री नेता और विधायक अपने ही मंत्रियों विधायकों और पदाधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और विशेषकर सचिन पायलट को लेकर सियासी गर्माहट अधिक चल रही है। लेकिन इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट एकदम शांत और चुपचाप रह कर आगे बढ़ रहे हैं और उनकी लोकप्रियता में कमी आने के बजाय बढ़ोतरी हो रही है।

 

कल सोमवार को राजस्थान की तीर्थ नगरी पुष्कर में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता दिवंगत कर्नल किरोड़ी बैसला की अस्थियों के विसर्जन कार्यक्रम के दौरान मंच पर राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना के संबोधन के दौरान वहां उपस्थित जन समुदाय द्वारा विरोध करने और चांदना के खिलाफ नारेबाजी करने तथा उन पर जूते-चप्पल फेंकने की घटना के बाद चांदना और कांग्रेस के अन्य नेता मंच छोड़कर निकल गए थे ।

 

इस घटना के पीछे सचिन पायलट का हाथ होने की बात आई अर्थात जिन लोगों ने विरोध किया और जूते फेंके वह सचिन पायलट के समर्थक थे ऐसा बताया जा रहा था। लेकिन यह नारेबाजी विरोध और जूते फेंकने की घटना किसने की ? किसके कहने पर की? इसके पीछे किसका हाथ था? यह आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया है ।

लेकिन इस घटना के बाद अशोक चांदना ने कल देर रात अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की विवादित पोस्ट सामने आई जिसमें उन्होंने लिखा मुझ पर जूता फिंकावा कर यदि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनते है तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है अगर में लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा यह मैं चाहता नहीं हूं।

अब सवाल यह उठता है कि जब सचिन पायलट पिछले 5 दिनों से जयपुर में है ही नहीं तो फिर सचिन पायलट ने आखिर कैसे चांदना पर जूते चप्पल फिक॔वाए और अभी तो यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया की किसने? किसके कहने पर ? नारे बाजी की विरोध किया जूते चप्पल फैंके ?

इसके साथ ही अशोक चांदना के इस बयान के अलग-अलग सियासी अर्थ निकाले जा रहे हैं। राजनीति के चाणक्यो का मानना है कि मंत्री पद पर रहते हुए अशोक चांदना को इस तरह का बयान या पोस्ट शोभा नहीं देती वहीं दूसरी ओर कुछ लोगो का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में आगामी दिनों में शुरू होने वाली हलचल का यह तो एकमात्र नमूना है