जयपुर/ राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर वेट कम करने की मांग को लेकर सरकार द्वारा राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की चेतावनी के बाद भी ध्यान नहीं देने पर आज शुरू की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल सरकार के दखल और समय मांगे जाने के बाद फिलहाल 10 दिन के लिए स्थगित कर दी गई है ।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राजस्थान में भी पंजाब की तरह पेट्रोल और डीजल पर वेट दर कम करने की मांग को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग की जा रही थी लेकिन सरकार द्वारा अनसुनी कर देने के बाद संगठन ने 13 और 14 सितंबर को 2 दिन तक सांकेतिक हड़ताल की थी
और चेतावनी दी थी कि दो दिन में अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो 15 सितंबर से प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी और सरकार द्वारा कल रात तक मांगे नहीं माने जाने के बाद आज सवेरे से ही प्रदेश के 47 जिलों में करीब 2700 पेट्रोल पंप पर 6:00 बजे से ही हड़ताल शुरू हो गई।
और पंप बंद कर दिए गए थे हालांकि कोटा जैसलमेर अलवर जोधपुर शहर और चित्तौड़गढ़ इन जिलों के करीब 500 से अधिक पेट्रोल पंप हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे तथा प्रदेश में कंपनी की ओर से संचालित 60 पेट्रोल पंप भी इस कर हड़ताल से दूर थे इससे एक बार तो यह अनुमान लगाया जा रहा था कि शायद संगठन में फूट पड़ गई है ।
उधर दूसरी और हड़ताल शुरू होने के बाद गहलोत सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और से राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के साथ एक बैठक करने का प्रस्ताव संगठन पदाधिकारी को भेजा गया और करीब 3 घंटे तक चली वार्ता के बाद सहमति बनी और सरकार ने एसोसिएशन की मांगों को लेकर सरकार की ओर से 10 दिन का समय मांगा गया जिस पर सहमति बनने के बाद दोपहर बाद हड़ताल 10 दिन के लिए स्थगित करते हुए समाप्त कर दी गई।
पेट्रोल पंपों की हड़ताल समाप्त होने पर आम जन राहत की सांस ली बताया जाता है कि पेट्रोल पंप की हड़ताल से सरकार को प्रतिदिन 44 करोड़ का नुकसान होता।